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पटना : मात्र 27 फीसदी राशि ही खर्च कर पाया कृषि विभाग

1184 करोड़ की बनी थी योजना, 2019-20 के नौ महीनों में खर्च की रही धीमी रफ्तार अनिकेत त्रिवेदी पटना : कृषि विभाग चालू वित्त वर्ष के नौ महीने के अंत तक मात्र 27 फीसदी ही राशि खर्च कर पाया है. इस वर्ष विभाग की ओर से विभिन्न योजनाओं में मद में 1184 करोड़ रुपये का […]

1184 करोड़ की बनी थी योजना, 2019-20 के नौ महीनों में खर्च की रही धीमी रफ्तार
अनिकेत त्रिवेदी
पटना : कृषि विभाग चालू वित्त वर्ष के नौ महीने के अंत तक मात्र 27 फीसदी ही राशि खर्च कर पाया है. इस वर्ष विभाग की ओर से विभिन्न योजनाओं में मद में 1184 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था.
विभाग ने नवंबर माह तक 65 फीसदी राशि खर्च करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन हासिल नहीं हो पाया. वित्तीय वर्ष के अंत में मात्र तीन माह का समय रह गया है. इसको लेकर विभाग में जिला कृषि पदाधिकारियों की बैठक की गयी थी. विभाग के आला अधिकारियों ने इस पर नाराजगी जाहिर की और योजनाओं में खर्च की जाने वाली राशि को बढ़ाने के निर्देश दिये .
361 किसानों का पंजीकरण ब्लॉक
विभाग की ओर से विभिन्न जिलों से आयी जानकारी के आधार पर कुल 361 किसानों पर कार्रवाई की गयी है. फसल अवशेष जलाने के कारण इन किसानों के पंजीकरण को ब्लॉक किया गया है. वहीं, परिवार के सभी सदस्यों के पंजीकरण को ब्लॉक करने के निर्देश दिये गये हैं.
22 जिलों में फॉल आर्मी वर्म
मक्का पर लगने वाले खतरनाक कीटनाशक फॉल आर्मी वर्म की रोकथाम के लिए 22 जिलों में योजना की शुरुआत की जा रही है. इस जिले के प्रत्येक पंचायत में मुख्य सड़क के किनारे एक कलस्टर का चयन करने का निर्देश दिया गया है. इन जिलों में फॉल आर्मी वर्म की रोकथाम के लिए जिलास्तरीय कमेटी के गठन का निर्देश दिया गया है.
नौ जिलों में कृषि यांत्रिकीकरण शून्य
जिला पदाधिकारियों की बैठक में कस्टम हायरिंग स्थापना को लेकर समीक्षा की गयी. इनमें अररिया, भोजपुर, बक्सर, कटिहार, मधेपुरा, पश्चिमी चंपारण, पूर्णिया, शेखपुरा, शिवहर आदि जिलों में उपलब्धि शून्य पायी गयी है. विभाग के आला अधिकारियों ने इस पर जिला कृषि पदाधिकारियों को फटकार भी लगायी. निर्देश दिया गया कि मुख्यमंत्री जल- जीवन- हरियाली यात्रा वालों जिले में कम- से- कम पांच कस्टम हायरिंग सेंटर के लाभुक या लाभुक समूह के अनुदान का भुगतान किया जायेगा.
23 लाख में मात्र 44 हजार आवेदनों का सत्यापन
विभाग की ओर से कृषि इनपुट अनुदान देने के लिए अब तक आये आवेदनों के सत्यापन की रफ्तार भी धीमी है. जानकारी के अनुसार कुल 23 लाख 52 हजार पांच सौ 77 आवेदनों में से कृषि समन्वयकों के द्वारा मात्र 44 हजार दो सौ 41 आवेदनों का ही सत्यापन हो पाया है.
फिलहाल 23 लाख आठ हजार तीन सौ 336 आवेदन लंबित पड़े हैं. कृषि विभाग के अनुसार गया, नवादा, जमुई और दरभंगा में सबसे अधिक मामले कृषि इनपुट अनुदान के सत्यापन के लिए लंबित हैं. किसानों को इनपुट अनुदान राशि का इंतजार है.

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