नालंदा : राजगीर सभी धर्मों की धरती : सीएम नीतीश कुमार

राजगीर (नालंदा) : सिख धर्म के पहले गुरु गुरुनानक देव जी महाराज के 550वें प्रकाश पर्व के समापन समारोह में रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिरकत की. सीएम राजगीर के शीतल कुंड गुरुद्वारा में मत्था टेकने के बाद अरदास में शामिल हुए. देश के अलग-अलग हिस्सों से आये जत्थेदारों ने मुख्यमंत्री को सरोपा एवं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2019 8:21 AM
राजगीर (नालंदा) : सिख धर्म के पहले गुरु गुरुनानक देव जी महाराज के 550वें प्रकाश पर्व के समापन समारोह में रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिरकत की. सीएम राजगीर के शीतल कुंड गुरुद्वारा में मत्था टेकने के बाद अरदास में शामिल हुए. देश के अलग-अलग हिस्सों से आये जत्थेदारों ने मुख्यमंत्री को सरोपा एवं प्रतीक चिह्न भेंटकर उनका स्वागत किया.
राजगीर के हॉकी ग्राउंड में बने लंगर हॉल में मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं को लंगर परोसने के बाद स्वयं लंगर छका. इस अवसर पर देश-विदेश से आये सिख श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर सभी धर्मों की धरती है. यहां से प्रेम, एकता, समानता भाईचारा, आध्यात्मिक ज्योति का संदेश जाना चाहिए. गुरुनानक देव ने सबसे पहले पूर्वी इलाके से अपनी यात्रा की शुरुआत की और बक्सर से गंगा नदी के रास्ते पटना पहले गुरु के रूप में आये.
यहीं से एक ओंकार सतनाम का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि गुरुनानक देव जी की वाणी है कि अपना विकार और बुराई पर जीत हासिल करें. अहंकार मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन है. उन्होंने कहा कि बहुत संख्या में लोग राजगीर आते हैं. इसे देखते हुए राजगीर में इको टूरिज्म को काफी बढ़ावा दिया जा रहा है. अगले साल राजगीर का गुरुद्वारा बनकर पूरा हो जायेगा. उन्होंने सभी सिख श्रद्धालुओं को अगले वर्ष प्रकाश पर्व पर यहां आने का न्योता दिया.
सीएम ने कहा कि आज राजगीर की धरती भी एक ओंकार सतनाम से धन्य हो गयी. किसी ने सोचा नहीं होगा कि राजगीर में लाखों की संख्या में लंगर चलेगा.
उन्होंने कहा कि गुरुनानक देव जी के बारे में मीडिया को बताना चाहिए. सीएम ने कहा कि गुरुनानक देव जी महाराज गया, नवादा, हिसुआ होते हुए राजगीर पहुंचे थे. उस समय होली का समय था. लोगों ने उनसे अनुरोध किया कि राजगीर के सभी कुंडों का पानी गर्म है.
गुरुनानक देव ने अपने पैर से कुंड के पानी को छुआ और पानी ठंडा हो गया, इसलिए राजगीर के एक कुंड का नाम शीतल कुंड पड़ा. उन्होंने कहा कि राजगीर मखदूम साहेब की धरती है. हिंदू धर्म में तीन साल पर यहां मलमास मेला लगता है. माना जाता है कि उस समय 33 करोड़ देवी-देवता यहीं निवास करते हैं. भगवान महावीर और भगवान बुद्ध ज्ञान प्राप्ति के पहले और बाद में यहां आये.
उन्होंने कहा कि सिख धर्म में लंगर का बहुत बड़ा महत्व है. लंगर बड़ी सेवा है. गुरुनानक देव स्त्री और पुरुष सब को एक समान मानते थे, इसलिए स्त्री का आदर करना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि सूबे में महिलाओं के लिए बहुत काम किया गया है. आज महिलाओं में जागृति आ रही है.

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