पटना : बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा 2012 में पर्यटकों को सैर कराने के लिए खरीदी गयी तीन बसों का पैसा अफसरों के वेतन से वसूला जायेगा. खरीदी गयी डबल डेकर बसें छह साल में भी बनकर तैयार नहीं हो पायी हैं.2018 तक दोनों बसें पटना नहीं आयीं, तब लोकायुक्त ने मामले का संज्ञान लेते हुए कहा कि बसों की खरीद के बाद यात्रियों के बैठने लायक बनाने में अब तक 25 लाख रुपये का नुकसान हुआ है.
लोकायुक्त ने सूद समेत यह राशि अधिकारियों से वसूलने को कहा है. सूत्रों के मुताबिक इस मामले में बनी टीम की रिपोर्ट से यह बात साफ हो गयी है कि अधिकारियों की लापरवाही से अबतक दो बसों का पता नहीं चला.और एक खड़े-खड़े सड़ गयी है. इस कारण से खर्च का सारा पैसा अधिकारियों की सैलरी से वसूला जायेगा. इस संबंध में आगामी 18 जनवरी को फैसला आने की संभावना है.
अधिकारी बस खरीदते समय चुप रहे, बाद में बतायी परेशानी
डबल डेकर एसी बसों को पटना के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के लिए चलना था. सभी पर्यटन स्थलों तक चलाने में बिजली के पोल बाधक बन रहे थे, लेकिन जब डबल डेकर बसों की खरीद की बात चल रही थी, तो सड़कों पर उन्हें चलाने में क्या परेशानी हो सकती है, इसको लेकर कोई जिक्र नहीं किया गया था. यह महज अधिकारियों की लापरवाही थी. इस कारण से एक बस खराब हो गयी, तो दो बसों का आजतक पता ही नहीं चल पाया.
सीटों की संख्या 45 से घटाकर 28 कर दी गयी थी
डबल डेकर बस में लगभग 45 सीटें थीं. नीचे में 20व ऊपर में 25 सीटें.
एमवीआइ की आपत्ति के बाद सीटों की संख्या घटाकर 28 कर दी गयी थी. इसकी ऊंचाई 17 फुट थी.
टीम ने दी रिपोर्ट, कहा- निगम ने पैसा नहीं जमा कराया
लोकायुक्त के निर्देश पर अफसरों की एक टीम हरियाणा के मानेसर गयी.जहां बसों को टीम ने जाकर देखा है. टीम में शामिल निगरानी के अफसर, लोकायुक्त कार्यालय में तैनात एक डीएसपी और परिवहन विभाग के अधिकारी थे. इनकी रिपोर्ट में यह गया गया है कि निगम ने कंपनी को पैसा नहीं दिया.इस कारण से बसें पटना नहीं आ पायी हैं.