पटना :एसटीइटी अभ्यर्थियों ने अफसरों के सामने बतायी अपनी समस्या

माध्यमिक शिक्षा निदेशक के सामने रखी परेशानी पटना : एसटीइटी अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशक से मुलाकात कर अपनी समस्याएं रखीं. सबसे ज्यादा परेशान 2012 में एसटीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी दिखे. उनकी परेशानी शिक्षा विभाग की तरफ से 27 दिसंबर को जारी एक सर्कुलर बना हुआ है. इस सर्कुलर के मुताबिक ऐसे अभ्यर्थियों को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 4, 2020 9:09 AM
माध्यमिक शिक्षा निदेशक के सामने रखी परेशानी
पटना : एसटीइटी अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशक से मुलाकात कर अपनी समस्याएं रखीं. सबसे ज्यादा परेशान 2012 में एसटीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी दिखे. उनकी परेशानी शिक्षा विभाग की तरफ से 27 दिसंबर को जारी एक सर्कुलर बना हुआ है. इस सर्कुलर के मुताबिक ऐसे अभ्यर्थियों को एसटीइटी के बाद पांच साल के अंदर एक साल की बीएड करनी थी. अभ्यर्थी के मुताबिक 2012 में एसटीइटी एक्जाम हुआ.
जून में रिजल्ट आने से उस साल अभ्यर्थी बीएड का एक्जाम नहीं दे सके. इसके बाद दो साल बीएड के लिए टाइम मिला. इसके बाद पूरे देश में पांच साल का बीएड दो वर्षीय हो गया. इस वजह से अधिकतर अभ्यर्थी बीएड नहीं कर सके. शिक्षा विभाग की तरफ से 2019 में माध्यमिक नियोजन की प्रकिया शुरू की.
नियोजन के अंतिम चरण में विभागीय सर्कुलर जारी किया गया कि औपबंधिक मेधा सूची /अंतिम मेधा सूची में ऐसे अभ्यर्थी शामिल नहीं किये जाएं, जिन्होंने शिक्षक पात्रता परीक्षा 2012 उत्तीर्ण करने के बाद नियमानुसार निर्धारित समयावधि 5 साल के अंदर एक वर्षीय बीएड की डिग्री हासिल नहीं है. केवल उन्हीं अप्रशिक्षित अभ्यर्थियों को मान्य किया जायेगा, जिन्होंने निर्धारित बीएड की डिग्री हासिल कर ली है. इस तरह साफ कर दिया गया कि बीएड की एक वर्षीय डिग्री हासिल न करने वाले 2012 में शिक्षक पात्रता परीक्षा पास अभ्यर्थी नियोजन के लिए मान्य नहीं किये जायेंगे. चूंकि 2011 के एक नोटिफिकेशन के जरिये पांच साल के अंदर बीएड करने की समय सीमा निर्धारित की गयी थी, इसलिए अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्हें केवल दो साल 2013से 2015 तक का ही टाइम मिला. इसके बाद बीएड डिग्री दो साल की हो गयी. ऐसे में वे एक साल की बीएड पात्रता कैसे पूरी की जा सकती है. हालांकि अभ्यर्थियों की समस्या का समाधान अभी तक नहीं हो सका है.
यह भी है छात्रों के लिए चिंता की बात
इसके अलावा कुछ अभ्यर्थियों की चिंता थी कि वर्ष 2021 में आयोजित की जाने वाली एसटीइटी में उन्हें भागीदारी दी जाये. दरअसल इन अभ्यर्थियों का कहना है कि एसटीइटी की निर्धारित अवधि खत्म हो जायेगी. कुछ अभ्यर्थियों की चिंता थी कि एसटीइटी बिहार एसटीइटी के आवेदन में इंट्रीग्रेटेड बीए-बीएड कोर्स का कॉलम नहीं है. ऐसे अभ्यर्थियों ने एसटीइटी आवेदन में मौका देने की मांग की है. जानकारों के मुताबिक इंटीग्रेटेड कोर्स का विकल्प नहीं रहने प्रदेश के लगभग पांच हजार से अधिक अभ्यर्थी आवेदन करने से वंचित हो जायेंगे.

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