पवन वर्मा ने नीतीश कुमार से CAA-NPR-NRC योजना को खारिज करने का अनुरोध किया
नयी दिल्ली/पटना: जदयू महासचिव पवन वर्मा ने रविवार को पार्टी अध्यक्ष एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीएए-एनपीआर-एनआरसी योजना को स्पष्ट तौर पर खारिज करने का अनुरोध किया और आरोप लगाया कि यह ‘‘भारत को बांटने और अनावश्यक सामाजिक अशांति को पैदा करने का नापाक एजेंडा’ है. नीतीश कुमार को लिखे खुले पत्र मेंपवन […]
नयी दिल्ली/पटना: जदयू महासचिव पवन वर्मा ने रविवार को पार्टी अध्यक्ष एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीएए-एनपीआर-एनआरसी योजना को स्पष्ट तौर पर खारिज करने का अनुरोध किया और आरोप लगाया कि यह ‘‘भारत को बांटने और अनावश्यक सामाजिक अशांति को पैदा करने का नापाक एजेंडा’ है. नीतीश कुमार को लिखे खुले पत्र मेंपवन वर्मा ने बिहार के उपमुख्यमंत्री तथा भाजपा नेता सुशील मोदी की ‘‘एकतरफा’ घोषणा पर हैरानी जतायी कि राज्य में 15 मई से 28 मई के बीच राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर का कार्य होगा, जबकि नीतीश कुमार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ हैं.
Pavan K Varma,JD(U) in a letter to Bihar CM Nitish Kumar: CAA-NRC combine is a direct attempt to divide Hindus and Muslims, and create social instability. I request you to take a stand against CAA-NPR-NRC scheme and reject its nefarious agenda to divide India. pic.twitter.com/1ufAX7N12D
— ANI (@ANI) January 5, 2020
उन्होंने कहा, ‘‘सार्वजनिक रूप से दियेगये आपके विचारों और लंबे समय से चले आ रहे धर्मनिरपेक्ष नजरिये को देखते हुए क्या मैं आपसे अनुरोध कर सकता हूं कि आप सीएए-एनपीआर-एनआरसी योजना के खिलाफ सैद्धांतिक रुख लें और भारत को बांटने तथा अनावश्यक सामाजिक अशांति पैदा करने के के नापाक एजेंडा को खारिज करें.’पवन वर्मा ने पत्र में कहा, ‘‘इस संबंध में आपका स्पष्ट सार्वजनिक बयान भारत के विचार को संरक्षित करने एवं मजबूती देने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा. मैं जानता हूं कि आप खुद प्रतिबद्ध हैं. थोड़े समय के राजनीतिक लाभ के लिए सिद्धांत की राजनीति को बलि नहीं चढ़ाया जा सकता.’
अपने पत्र में वर्मा ने कहा कि सीएए-एनआरसी का संयुक्त रूप हिंदू-मुस्लिमों को बांटने और सामाजिक अस्थिरता पैदा करने का सीधा प्रयास है. जदयू नेता संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक का समर्थन करने के पार्टी के फैसले के आलोचक रहे हैं जो अब दोनों सदनों से पारित होने के बाद कानून बन गया है. कानून के विरोध में देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन हुए हैं. जदयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने भी सीएए के विरोध में आवाज उठाई है.