पटना : आपदाओं से लड़ने को 48 शनिवारों के लिए बना कैलेंडर
पटना : किसी भी तरह की मानव निर्मित व प्राकृतिक अापदा से निबटने के लिए शिक्षा विभाग ने एक वार्षिक कैलेंडर तैयार किया है. इस कैलेंडर में कक्षा एक से आठ तक के स्कूली बच्चों को 17 तरह की आपदाएं बतायी जायेंगी. इससे बच्चे समय आने पर न केवल अपनी जान बचा सकेंगे, बल्कि आपातकाल […]
पटना : किसी भी तरह की मानव निर्मित व प्राकृतिक अापदा से निबटने के लिए शिक्षा विभाग ने एक वार्षिक कैलेंडर तैयार किया है. इस कैलेंडर में कक्षा एक से आठ तक के स्कूली बच्चों को 17 तरह की आपदाएं बतायी जायेंगी. इससे बच्चे समय आने पर न केवल अपनी जान बचा सकेंगे, बल्कि आपातकाल में दूसरों की मदद भीकर सकेंगे. मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम यूं तो कुछ माह पहले से चालू है. लेकिन, एक वार्षिक प्लानिंग के तहत इसे पहली बार लागू किया जा रहा है.
इन वार्षिक कैलेंडर को स्कूल में लगाया जायेगा. शिक्षा विभाग की तरफ से बनाये गये इस वार्षिक कैलेंडर में प्रत्येक शनिवार को अलग-अलग आपदाओं की जानकारी दी जायेगी. इसके लिए मास्टर ट्रेनर्स प्रत्येक स्कूल में शिक्षकों को हाल ही में प्रशिक्षित कर चुके हैं. वार्षिक कैलेंडर में निर्देश दिया गया है कि विद्यालय के फोकल शिक्षक व बाल प्रेरकों के साथ मिलकर शनिवार के एक दिन निर्धारित गतिविधि के अनुरूप योजना तैयार करें.
ऐसे विकसित हुआ विचार
तामिलनाडू के कुंभाकोणम जगह पर एक स्कूल में आग लगने से 90 बच्चे जल कर मर गये थे. 2004 की यह दुर्घटना में मरे एक बच्चे के पिता अविनाश मल्होत्रा ने हाइकोर्ट में पीआइएल दाखिल की. इसी संदर्भ में हाइकोर्ट ने देश के सभी मुख्य सचिवों को स्कूलों को इन आपदाओं से बचाने के लिए दिशा निर्देश दिये. केरल व तामिलनाडु के बाद इस तरह का कैलेंडर बनाने वाला बिहार तीसरा राज्य है.