क्रांति वर्ष का नंबर बेचेगा परिवहन विभाग

शशिभूषण कुंवर, पटना : स्वतंत्रता आंदोलन में आनेवाले क्रांति वर्ष और अंग्रेजों के खिलाफ होनेवाले पहले गदर को याद रखने वाले वर्ष 1857 का नंबर परिवहन विभाग बेचेगा. अपनी कार और बाइक पर 1857 का नंबर या भारत की आजादी के वर्ष 1947 का नंबर लगाना है, तो इन वर्षों वाले नंबरों की बिक्री परिवहन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2020 8:56 AM

शशिभूषण कुंवर, पटना : स्वतंत्रता आंदोलन में आनेवाले क्रांति वर्ष और अंग्रेजों के खिलाफ होनेवाले पहले गदर को याद रखने वाले वर्ष 1857 का नंबर परिवहन विभाग बेचेगा. अपनी कार और बाइक पर 1857 का नंबर या भारत की आजादी के वर्ष 1947 का नंबर लगाना है, तो इन वर्षों वाले नंबरों की बिक्री परिवहन विभाग द्वारा की जा रही है.

विभाग ने गैर परिवहन वाहनों के लिए आधार शुल्क 25 हजार व परिवहन वाहनों के लिए आधार शुल्क 15 हजार निर्धारित किया है. च्वाइस नंबरों की सूची में शामिल इस तरह के दर्जनों नंबरों को परिवहन विभाग ने जारी किया है. इसी तरह से गांधीवादी विचारधारा के लोग महात्मा गांधी के जन्म वर्ष 1869 को अपने गाड़ी का नंबर बना सकते हैं.
स्वदेशी आंदोलन को याद रखना है, तो 1905 को और बिहार व ओड़िशा प्रांत के अलग राज्य के रूप में गठन के घोषणा के वर्ष , देश की राजधानी कोलकाता से दिल्ली शिफ्ट करने वाले वर्ष का नंबर च्वाइस नंबरों में शामिल किया गया है. चंपारण सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन, दांडी मार्च, भारत छोड़ो आंदोलन और स्वतंत्रता दिवस के वर्ष वाले नंबरों या 1950 को लागू हुए संविधान की तिथि को कार व बाइक सहित अपनी गाड़ियों का मनपसंद नंबर बना सकते हैं.
परिवहन विभाग द्वारा महत्वपूर्ण दिनों को याद रखने वाले दर्जनों नंबर जारी किये गये हैं. प्रथम सिपाही विद्रोह को याद रखनेवाला 1857, महात्मा गांधी का जन्म वर्ष 1869, इस्ट इंडिया कंपनी के राज में बंगाल से अलग करके बिहार और ओड़िशा को नये प्रांत के रूप में गठन की घोषणा आदि हैं.

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