विधानसभा चुनाव को लेकर अपने-अपने दावे, लोजपा ने मांगीं 43 सीटें
पटना : एनडीए की मजबूत घटक लोजपा ने शुक्रवार को कहा कि इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में उसे 43 सीटें चाहिए. लोजपा सांसद और दलित सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने बैठक के बाद कहा कि उनकी पार्टी 2015 में भी 43 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. सीटों के बंटवारे में […]
पटना : एनडीए की मजबूत घटक लोजपा ने शुक्रवार को कहा कि इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में उसे 43 सीटें चाहिए. लोजपा सांसद और दलित सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने बैठक के बाद कहा कि उनकी पार्टी 2015 में भी 43 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. सीटों के बंटवारे में लोजपा को इस बार भी इतनी ही सीटों की दरकार है. केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति कुमार पारस ने कहा कि लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी का स्ट्राइक रेट सौ फीसदी रहा है.
छह सांसदों को दोबारा टिकट दिये गये और वे सब के सब जीत कर आये. इस कारण विधानसभा चुनाव में उनकी हकमारी नहीं की जा सकती. पारस ने कहा कि रामविलास पासवान का बिहार में अपना बड़ा जनाधार है. पत्रकारों के सवाल के जवाब में पारस ने जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के सीटों के बांटने के फाॅर्मूले को खारिज कर दिया. उन्होेंने कहा कि लोजपा इससे सहमत नहीं है.
पारस ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने जो एनडीए के भीतर सीटों के बंटवारे का फाॅर्मूला दिया था, वह 17-17 और छह का था. इसे सही फाॅर्मूला बताते हुए कहा कि लोजपा को अंडरस्टीमेट नहीं किया जाना चाहिए.
साथ ही पार्टी अपने कार्यकर्ताओं की हकमारी नहीं कर सकती.
पारस ने कहा -प्रशांत किशाेर का फाॅर्मूला सही नहीं, लोकसभा की तर्ज पर हो सीटों का बंटवारा
बयानबाजी से नहीं होता सियासी फैसला : जदयू
पटना. लोजपा नेता पशुपति कुमार पारस के बयान पर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि मीडिया में बयानबाजी से सियासी फैसले नहीं लिये जाते. हर पार्टी का अपना क्लेम होता है. समय से पहले इस पर बोलना उचित नहीं है.
महागठबंधन में बड़े भाई की भूमिका में होगा राजद
पटना. विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में राजद बड़े भाई की भूमिका में रहेगा. पार्टी सबसे अधिक डेढ़ सौ के करीब सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करेगी. सहयोगी दलों के बीच लोकसभा में मिली सीटों के आधार पर विधानसभा क्षेत्रों का हिस्सा बंटेगा. सूत्रों के मुताबिक राजद फिलहाल इसी रणनीति के तहत कार्य कर रहा है.
लोकसभा चुनाव में महागठबंधन में जो सीटों का बंटवारा हुआ था उसमें राजद को सबसे अधिक 19 सीटें मिली थीं. महागठबंधन में दूसरे नंबर की पार्टी कांग्रेस को नौ सीटें दी गयी थीं. इसके बाद पांच सीटें रालोसपा को, हम और वीआइपी को तीन-तीन और आरा की सीट भाकपा -माले के लिए छोड़ी गयी थी.
जानकार बताते हैं कि एक लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा की सीटें आती हैं. जानकारों के मुताबिक इसी अनुपात में महागठबंधन के सभी घटक दलों के बीच सीटों का बंटवारा हो सकता है. विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाने में सदस्यता अभियान के परिणाम को भी तवज्जो दिया जायेगा. सदस्यता अभियान में मौजूदा 81 विधायकों के अलावा सभी विधानसभा क्षेत्र से आये दस्तावेज को पार्टी कार्यालय में सहेज कर रखा गया है.
पार्टी नेता बताते हैं कि उम्मीदवार चयन के मामले में सदस्यता अभियान के परफॉरमेंस का भी ख्याल रखा जायेगा. 2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में राजद और जदयू के बीच सौ-सौ सीटों का बंटवारा हुआ था. राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि सदन में अभी जो विपक्ष के नेता हैं, वही मुख्यमंत्री के उम्मीदवार होंगे.
महागठबंधन में मांझी ने किया 85 सीटों पर दावा
पटना . हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव में 85 सीटें जीत सकने की स्थिति में है.हम सभी 243 सीटों पर अकेले चुनाव नहीं जीत सकती, लेकिन 85 सीटों पर जीत सकती है या समर्थन देकर किसी को जीता सकती है.
अपने सरकारी आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में मांझी ने कहा कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री मुसलमान, दलित या पिछड़ा वर्ग से होगा. सरकार में दो उपमुख्यमंत्री भी होंगे, जिनमें एक महिला भी होगी. मांझी ने कहा कि हम तेजस्वी के समर्थक हैं, लेकिन अकेले यह निर्णय नहीं ले सकते हैं कि कौन मुख्यमंत्री का अगला चेहरा होगा.
15 के बाद नेतृत्व पर फैसला
15 जनवरी के बाद महागठबंधन की बैठक में निर्णय हो जायेगा कि किसके नेतृत्व में चुनाव लड़ा जायेगा.मांझी ने कहा कि हम को-ऑर्डिनेशन कमेटी बनाने की मांग अब भी कर रहे हैं. हम यह भी कहते हैं कि अगला मुख्यमंत्री मुसलमान, पिछड़ा या एससी का वर्ग का होगा.
बैठक के दौरान उन्होंने पार्टी के बूथ स्तर की कमेटी में कम- से -कम पांच सदस्य हाेने और 31 जनवरी तक सभी जिलों में बूथ स्तर कमेटी बन जाने की बात कही. पूर्व सीएम ने कहा कि जिन सीटों पर हमारी जीत पक्की है, वहां बूथ स्तर पर फरवरी से अप्रैल तक नियमित सम्मेलन होगा. दिल्ली चुनाव में संभावना तलाशने के लिए वे 12 को दिल्ली जायेंगे.