नीतीश कैबिनेट का फैसला : गवाहों को मिलेगी सुरक्षा, न्यायालयों में 674 पदों के सृजन को हरी झंडी

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शनिवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 18 एजेंडों पर मुहर लगी. इनमें गवाहों को सुरक्षा देने, अररिया राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय का नाम फणीश्वर नाथ रेणु के नाम पर करने, न्यायालय के विभिन्न कोटि के 666 अराजपत्रित पदों और सुपौल के वीरपुर अनुमंडलीय न्यायालय में आठ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 11, 2020 2:51 PM

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शनिवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 18 एजेंडों पर मुहर लगी. इनमें गवाहों को सुरक्षा देने, अररिया राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय का नाम फणीश्वर नाथ रेणु के नाम पर करने, न्यायालय के विभिन्न कोटि के 666 अराजपत्रित पदों और सुपौल के वीरपुर अनुमंडलीय न्यायालय में आठ अराजपत्रित पदों पर बहाली को कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी. कैबिनेट ने पूर्णिया और कटिहार के दो चिकित्सकों को सेवा से बर्खास्त करने को भी मंजूरी दे दी. उत्पाद विभाग के अवर निरीक्षक के स्वीकृत 259 पदों में से 50 पदों को प्रत्यावर्तित कर 30 पुलिस निरीक्षकों को वेतन स्तर-7 में सृजित करने को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी.

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जानकारी के मुताबिक, गृह विभाग के बिहार गवाह सुरक्षा योजना 2018 के प्रारूप को कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है. साथ ही बिहार में मद्यनिषेध के कारगर क्रियान्वयन के लिए अपराध अनुसंधान विभाग में पुलिस अवर निरीक्षक के स्वीकृत 259 पदों में से 50 पद को प्रत्यावर्तित कर पुलिस निरीक्षक के 30 पद, वेतन स्तर-7 में सृजित करने की स्वीकृति दी गयी.बिहार के कुल 27 वन प्रमंडलों में वन रोपण कार्य एवं रख-रखाव, मृदा जल संरक्षण, आधारभूत संरचनाओं के निर्माण, वन्य प्राणी की सुरक्षा, संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य एवं महिला रक्षा वाहिनी के मानदेय को लेकर 14018.13 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये.

कैबिनेट ने पूर्णिया के अमौर स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, मच्छहट्टा के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ धनंजय कुमार को एक अप्रैल, 2005 से लगातार अनुपस्थित रहने के आरोप में सेवा से बर्खास्त करने को मंजूरी दी गयी. वहीं, कटिहार के बरारी रेफरल अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मो रिजवान आलम को भी 29 नवंबर, 2006 से लगातार अनुपस्थित रहने के आरोप में बर्खास्त करने को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी.

कैबिनेट ने सुपौल के वीरपुर अनुमंडलीय न्यायालय में एक अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय के लिए कुल आठ अराजपत्रित कर्मियों के पदों के सृजन को स्वीकृति दी. साथ ही बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के लिए पटना हाइकोर्ट के जस्टिस दिनेश कुमार सिंह को कार्यकारी अध्यक्ष मनोनीत किये जाने को स्वीकृत कर लिया. वहीं, सूबे में उत्पाद अभियोगों के त्वरित निष्पादन के लिए गठित होनेवाले 74 अनन्य विशेष न्यायालय (उत्पाद) के लिए सृजित किये जा रहे अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के 74 पदों के सहायतार्थ विभिन्न कोटियों के 666 अराजपत्रित पदों के सृजन को हरी झंडी दे दी.

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अंतर्गत अवर वन सेवा नियमावली-2013 में संशोधन कर बिहार वन सेवा (संशोधन) नियमावली-2019 को स्वीकृति दी गयी. वहीं, पटना हवाई अड्डा स्थित 8.65 एकड़ भूमि पर वायुयान संगठन के लिए दो हैंगर, प्रशासनिक भवन और अति विशिष्ट कक्ष के साथ-साथ बिहार उड्डयन संस्थान के लिए एक हैंगर, प्रशासनिक भवन, शैक्षणिक भवन, एप्रोच पथ और एप्रोन आदि का निर्माण कार्य भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से कराने के लिए वित्तीय वर्ष 2019-20 में 61.57 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये.

अररिया में स्थापित राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय का नाम फणीश्वरनाथ रेणु अभियंत्रण महाविद्यालय रखे जाने को भी कैबिनेट ने स्वीकार कर लिया. मधुबनी के बलवाघाट बराज सह सिंचाई योजना के लिए 107.12444 करोड़ की राशि स्वीकृत की गयी. कैबिनेट के विशेष सचिव उपेंद्र नाथ पांडेय की 31 जनवरी, 2020 को नियोजन की समाप्त हो रही संविदा अवधि को नियमित पदस्थापन या एक साल, जो पहले हो, तक विस्तार दिया गया.

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