हिंदी साहित्यकार के निधन पर मुख्यमंत्री ने जताया शोक, कहा- वामपंथी विचारों के नायक थे खगेंद्र ठाकुर
पटना :मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हिंदी के जाने-माने साहित्यकार एवं आलोचक डॉ खगेंद्र ठाकुर के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है. मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा है कि डॉ खगेंद्र ठाकुर साहित्य के शिखर पुरुष थे. वे चिंतक, आलोचक के साथ-साथ कवि भी थे. उनका दुनिया से जाना साहित्य जगत के […]
पटना :मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हिंदी के जाने-माने साहित्यकार एवं आलोचक डॉ खगेंद्र ठाकुर के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है. मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा है कि डॉ खगेंद्र ठाकुर साहित्य के शिखर पुरुष थे. वे चिंतक, आलोचक के साथ-साथ कवि भी थे. उनका दुनिया से जाना साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति है. राजनैतिक व्यक्तत्वि के रूप में भी खगेंद्र ठाकुर वामपंथी विचारों के नायकों में से एक रहे हैं. मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शांति तथा उनके परिजनों को दु:ख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है.
मालूम हो कि वरिष्ठ साहित्यकार आलोचक और रचनाकार खगेंद्र ठाकुर चिर निद्रा में सो गये. वर्षों तक सामाजिक विषमताओं और देश की परिस्थितियों पर साहित्य के जरिये अपनी अमिट छाप छोड़नेवाले खगेंद्र ठाकुर का सोमवार को पटना एम्स में निधन हो गया. उनके निधन से साहित्यिक जगत में शोक की लहर दौड़ गयी. पटना के राजीव नगर रोड नंबर 24 में परिवार संग रह रहे साहित्यकार खगेंद्र ठाकुर का जन्म झारखंड के गोड्डा जिले के मालिनी में 9 सितंबर, 1937 को हुआ था. खगेंद्र ठाकुर अपने पीछे पत्नी इंदिरा ठाकुर, एक पुत्र अमृतांशु भाष्कर व दो पुत्रियों सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गये. पुत्र अमृतांशु ने बताया कि सांस लेने में तकलीफ की शिकायत पर रविवार की रात से तबीयत बिगड़ने लगी थी. सोमवार को ग्यारह बजे खगेंद्र ठाकुर पटना एम्स में लाये गये थे. इलाज के दौरान अचानक उन्हें हार्ट अटैक आया, जिससे उनका निधन हो गया.