पटना : मकर संक्रांति के मौके पर बुधवार को बिहार प्रदेश कांग्रेस द्वारा आयोजित दही-चूड़ा भोज में महागठबंधन के दिग्गज नेताएकसाथ नजर आएं. दही-चूड़ा भोज के दौरानमहागठबंधनकेप्रमुख नेता जब साथ मिले तो सियासी मुद्दों पर खुलकर बात करने लगे. एनआरसी, एनपीआर, दिल्ली और बिहार में होनेवाले विधानसभा चुनावों पर भी महागठबंधन नेताओं ने खुलकर बात की.
दरअसल, मकरसंक्रांतिके अवसर परआयोजित दही-चूड़ाभोज में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में बिहार के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. मदन मोहन झा, विरोधी दल के नेता तेजस्वी यादव, हम केमुखिया जीतन राम मांझी, रालोसपाप्रमुख उपेंद्र कुशवाहा और वीआइपी नेता मुकेश सहनी उपस्थित हुए. चूड़ा-दही भोज के टेबुल पर महागठबंधन नेताओं ने एक साथ खाना खाया. लोकसभा चुनाव के बाद महागठबंधन के नेता एक साथ दिखे.
इस दौरान बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में तेजस्वीयादव ने कहा कि भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह से यह पूछा जाना चाहिए कि बिहार में एनडीए का मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा. अमित शाह गुरुवार को बिहार में आनेवाले हैं. उन्होंने यह बात तो कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जायेगा. पर मुख्यमंत्री के चेहरे की बात नहीं की. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं होने देंगे. ऐसे में उनको लोकसभा में समर्थन ही नहीं करना चाहिए.
तेजस्वी ने आगे कहा कि वह समय आने वालाहै, जब बिहार की जनता इसका जवाब देगी. केवटीसेराजद विधायक फराज फातमी के जदयू के भोज में शामिल होने को लेकर पूछे गये सवाल को तेजस्वी ने टाल दिया और कहा कि इसे बाद में देखेंगे. वहीं, रालोसपा नेता ने एनपीआर को लेकर नीतीश सरकार परनिशाना साधते हुए कहा कि बिहार के लोगों में भले ही शिक्षा की कमी हो सकती है, पर यहां के लोग बेवकूफ नहीं हैं जोएनडीए की बातों को नहीं समझते हैं.
इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल से दिल्ली में होनेवाले विधानसभा चुनाव में राजद की भागीदारी पर पूछे गये सवाल के जवाब में कहा कि यह तो कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व ही तय करेगा. हम के प्रमुख जीतन राम मांझी और वीआइपी के प्रमुख मुकेश सहनी ने भी जदयू के नेताओं के एनआरसी पर दिये गये बयानों पर सफाई मांगी. कांग्रेस द्वारा आयोजित दही-चूड़ा भोज में महागठबंधन नेताओं में एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष नवल किशोर शाही के अलावा एआइसीसी नेता अजय कपूर, अखिलेश प्रसाद सिंह, एचके वर्मा, राजेश कुमार राठौर, आनंद माधव सहित अन्य नेता शामिल थे.
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