चुनाव में 2010 से अधिक सीटें मिलेंगी: सुशील मोदी
पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दावा किया कि इस बार के विधानसभा चुनाव में एनडीए को प्रचंड बहुमत मिलेगा और यह रिकाॅर्ड 2010 के चुनाव से भी बेहतर होगा. भाजपा एमएलसी रजनीश कुमार सिंह के आवास पर दही -चूड़ा भोज में शामिल मोदी ने कहा कि गठबंधन में सब कुछ बिल्कुल ठीक है. […]
पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दावा किया कि इस बार के विधानसभा चुनाव में एनडीए को प्रचंड बहुमत मिलेगा और यह रिकाॅर्ड 2010 के चुनाव से भी बेहतर होगा. भाजपा एमएलसी रजनीश कुमार सिंह के आवास पर दही -चूड़ा भोज में शामिल मोदी ने कहा कि गठबंधन में सब कुछ बिल्कुल ठीक है. जब-जब भाजपा ने जदयू के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा है, तब एनडीए को जबर्दस्त बहुमत मिला है और विरोधियों का सफाया हुआ है.
2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए प्रचंड बहुमत में आयेगा और सरकार बनायेगा. इस बार एनडीए को 2010 के चुनाव से ज्यादा सीटें मिलेंगी. उन्होंने कहा कि सीएए या एनपीआर पर विपक्ष अगर बहस
कराना चाहता है, तो सरकार इसके लिए तैयार है. वह मुख्यमंत्री से अनुरोध करेंगे कि फरवरी के पहले सप्ताह में विधानमंडल के सत्र में इस पर वाद-विवाद करा लें.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि एनपीआर का सीधा संबंध भाजपा से नहीं है. कांग्रेस के शासनकाल में ही 119 करोड़ लोगों का डाटा संग्रह किया गया था. इस बार इसे सिर्फ अपडेट किया जा रहा है. उसमें सिर्फ कुछ अतिरिक्त आंकड़े मांगे जा रहे हैं. इसके लिए कोई दस्तावेज या कागजात की मांग नहीं की जा रही है.
कांग्रेस समेत अन्य सभी विपक्षी दलों की यह साजिश है, ताकि जनगणना नहीं हो. इससे दलितों को आरक्षण का लाभ मिलने में समस्या होगी. देश में अभी एनआरसी की कोई चर्चा ही नहीं है. राजद-कांग्रेस दोनों को मिलाकर इस पर भ्रम फैला रही है और इसका डर एक खास समुदाय के मन में पैदा करने की कोशिश कर रही है.
तेजस्वी यादव की पूर्वांचल की यात्रा पर डिप्टी सीएम ने कहा कि वह अपना वोट बैंक बचाने के लिए यह यात्रा कर रहे हैं. उन्हें ओवैसी से डर है कि कहीं उनका वोट बैंक खिसकर उधर नहीं चला जाये. राजद और कांग्रेस में घबराहट है.
यह यात्रा उसी का परिणाम है.
सीमांचल में कभी बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए नहीं गये तेजस्वी
पटना. डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि सीमांचल के छह जिले लगभग हर साल कोसी और उसकी सहायक नदियों की बाढ़ से पीड़ित होते हैं, परंतु तेजस्वी यादव बतौर विधायक, उपमुख्यमंत्री और विरोधी दल के नेता के नाते कभी बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए इन जिलों में नहीं गये. 2018 में जब सीमांचल के एक करोड़ लोग बाढ़, वर्षा और बीमारी से जूझ रहे थे, तब वे 46 एसी वाले सरकारी बंगले से ट्वीट कर राजनीति करते थे.
वे नागरिकता कानून पर दुष्प्रचार करने के लिए सीमांचल जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि सीमांचल के लोग जब बाढ़ से घिरे, तब केंद्र सरकार ने एनडीआरएफ की टीम भेजी और लोगों की मदद करने में न किसी का धर्म पूछा, न कोई कागज मांगा. राज्य सरकार के राहत और बचाव अभियान में भी कभी न भेदभाव किया गया, न नागरिकता का कोई सबूत मांगा गया. राजद और कांग्रेस ने सीमांचल की जनता को बाढ़ पीड़ित के रूप में नहीं, सिर्फ वोट बैंक के रूप में देखा.
डिप्टी सीएम ने कहा कि महागठबंधन में शामिल दलों के पास न जनता की सेवा का रोडमैप है, न कोई विचारधारा. ये दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से द्वेष करते हैं, इसलिए इन दो लोकप्रिय नेताओं की हर बात का विरोध करना ही महागठबंधन की विचारधारा है. द्वेष की राजनीति कभी बड़ी लकीर नहीं खींच पाती.