पटना : अब 75 की जगह 81 कृषि यंत्रों पर मिलेगा अनुदान

पटना : मीठापुर कृषि प्रक्षेत्र में दो दिवसीय कृषि यांत्रिकीकरण मेले की शुरुआत की गयी. मेले का उद्घाटन कृषि मंत्री डाॅ प्रेम कुमार ने किया. मौके पर उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों को वर्ष 2019-20 में कृषि यांत्रिकीकरण योजना के तहत खेत की जुताई, बुआई, निकाई, गुड़ाई, कटाई व दौनी आदि से संबंधित कुल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 22, 2020 8:59 AM
पटना : मीठापुर कृषि प्रक्षेत्र में दो दिवसीय कृषि यांत्रिकीकरण मेले की शुरुआत की गयी. मेले का उद्घाटन कृषि मंत्री डाॅ प्रेम कुमार ने किया. मौके पर उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों को वर्ष 2019-20 में कृषि यांत्रिकीकरण योजना के तहत खेत की जुताई, बुआई, निकाई, गुड़ाई, कटाई व दौनी आदि से संबंधित कुल 75 प्रकार के कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जा रहा था.
लेकिन, अब सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन के मद्देनजर कुल 81 प्रकार के कृषि यंत्रों पर अनुदान देने का निर्णय लिया गया है. अब किसानों को अतिरिक्त तीन प्रकार के ट्रैक्टर चालित सुपर सीडर व स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम (एसएमएस) मशीन पर सामान्य श्रेणी के कृषकों को 75% तथा अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति श्रेणी के किसानों को 80% अनुदान दिया जायेगा.
इसके अलावा 35 एचपी से अधिक अधिक क्षमता मल्टीक्रॉप थ्रेसर व ट्रैक्टर चालित 35 एचपी व 35 एचपी से ऊपर सीड-ड्रील मशीन पर सामान्य श्रेणी के कृषकों को 50% तथा अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति श्रेणी के किसानों को 50% अनुदान दिया जायेगा. कृषक ऑनलाइन आवेदन 31 जनवरी तक www.farmech.bih.nic.in पर कर सकते हैं. कार्यक्रम में पटना प्रमंडल के संयुक्त निदेशक (शष्य) उमेश प्रसाद मंडल, पटना के जिला कृषि पदाधिकारी राकेश रंजन, परियोजना निदेशक, आत्मा रवींद्र कुमार, सहायक निदेशक, उद्यान अजीत कुमार यादव सहित अन्य लोग मौजूद थे.
उद्यमियों को कृषि विभाग सुविधा व प्रशिक्षण देगा
पटना. कृषि विभाग कृषि क्षेत्र में काम करने वाले कृषि उद्यमियों को व्यापार करने के लिए सुविधा व प्रशिक्षण देगा. मंगलवार को एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में कृषि उष्मायन केंद्र को लेकर आयोजित कार्यशाला में कृषि मंत्री डाॅ प्रेम कुमार ने ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार द्वारा वर्ष 2017 में स्टार्टअप नीति के आधार पर काम किया जा रहा है. इसका मुख्य मकसद कृषि में उद्यमियों के लिए एक सुधारात्मक नीति तथा मूलभूत सुविधाएं प्रदान करना है.

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