पार्टी नेता पवन वर्मा को लेकर CM नीतीश का सख्त रुख, कहा- ””जहां जाना है जाएं, मेरी शुभकामना हैं””

पटना : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (एनआरसी) को लेकर जेडीयू नेताओं के बयानों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी के रुख को स्पष्ट कर दिया है. उन्होंने जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव के बयानों को निजी बताते हुए सख्ती दिखायी है. साथ ही प्रशांत किशोर को भी नसीहत दी है. जानकारी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 23, 2020 11:37 AM

पटना : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (एनआरसी) को लेकर जेडीयू नेताओं के बयानों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी के रुख को स्पष्ट कर दिया है. उन्होंने जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव के बयानों को निजी बताते हुए सख्ती दिखायी है. साथ ही प्रशांत किशोर को भी नसीहत दी है.

जानकारी के मुताबिक, सीएए और एनआरसी को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पवन वर्मा के दिये गये बयानों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को आड़े हाथ लेते हुए नसीहत भी दी है. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘ये उनका वक्तव्य पार्टी का वक्तव्य नहीं है. वे विद्वान व्यक्ति हैं, मैं उनकी इज्जत करता हूं, भले ही वो हमलाेगाें की इज्जत ना करें. ये उनका अपना निर्णय है, जहां जाना हाे वहां वाे जाएं, हमकाे इस पर काेई ऐतराज नहीं है. जनता दल यूनाईटेड काे अच्छी तरह समझने की काेशिश कीजिए. कुछ लाेगाें के बयान से जनता दल यूनाईटेड काे मत देखिए. जनता दल यूनाईटेड, जनता के साथ काम करती है. हमलाेगाें का स्टैंड साफ हाेता है. किसी तरह का कन्फ्यूजन नहीं हाेता है. अगर किसी के मन में काेई बात है, ताे विमर्श करना चाहिए. जरूरी समझें, ताे पार्टी की बैठक में बातचीत करनी चाहिए और इस तरह का वक्ततव्य देने का काेई मतलब नहीं है. मुझे फिर भी उनके प्रति सम्मान है और इज्जत का भाव है. उन्हें जहां अच्छा लगे, वहां जाएं, मेरी शुभकामना है.’

क्या है मामला?

जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव पवन वर्मा ने सीएए और एनआरसी को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था. इसमें उन्होंने कहा था कि ‘मैं अकेले में आपकी स्वीकारोक्ति को याद कर रहा हूं कि भाजपा में वर्तमान नेतृत्व ने किस तरह से आपका अपमान किया. आपने कई बार कहा कि भाजपा देश को खतरनाक स्थिति में ले जा रही है.’ सोशल मीडिया पर साझा किये गये इस पत्र में उन्होंने कहा है कि, ‘आपने जैसा मुझे बताया, ये आपके निजी विचार थे कि बीजेपी संस्थानों को नष्ट कर रही है और देश के अंदर लोकतांत्रिक एवं सामाजिक ताकतों को पुनर्गठित करने की जरूरत है और इस कार्य के लिए आपने पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी को नियुक्त किया है.’

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