बिहार में जीत के लिए वाम और महागठबंधन का तालमेल जरूरी
पटना : बिहार विधानसभा चुनाव में जीत के लिए वाम दल और महागठबंधन का तालमेल जरूरी है. विधानसभा चुनाव में वाम दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर कोई परेशानी नहीं होगी और हम एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे. शनिवार को माकपा कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व सांसद और पोलित ब्यूरो की सदस्य सुभाषिणी अली […]
पटना : बिहार विधानसभा चुनाव में जीत के लिए वाम दल और महागठबंधन का तालमेल जरूरी है. विधानसभा चुनाव में वाम दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर कोई परेशानी नहीं होगी और हम एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे.
शनिवार को माकपा कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व सांसद और पोलित ब्यूरो की सदस्य सुभाषिणी अली ने कहा कि देश भर में केंद्र सरकार के सीएए, एनआरसी व एनपीआर जैसे काले कानूनों के खिलाफ युवाओं में उबाल है. समस्तीपुर, ताजपुर और पटना में फुलवारी व सब्जीबाग में सभाओं को संबोधित किया है.
बिहार में युवाओं का मूड भी राज्य सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ है. हर वर्ग एवं हर उम्र की महिलाओं की विशाल भागीदारी ने सरकार की नीतियों को चुनौती देना शुरू कर दिया है. इसलिए इस चुनाव में बिहार में बदलाव होना संभव है. उन्होंने कहा कि इस आंदोलन का केंद्र बिहार बन गया है.
बिहार में 19 दिसंबर एवं 21 दिसंबर को दो सफल बंद हुए है. बिहार व केंद्र सरकार आंदोलन करने वालों से संवाद स्स्थापित करने के बजाय आंदोलनकारियों को बदनाम करने में जुटे हैं, लेकिन इसका कोई असर देश की जनता पर नहीं पड़ेगा. अगर केंद्र सरकार अपनी इन काले कानून को वापस नहीं लेगी, तो इसके खिलाफ देश व्यापी विरोध जन आंदोलन का रूप लेगी, जो लगभग हो चुका है.
उन्होंने कहा कि बिहार दौरे के दौरान हमने एक बार फिर उसी पुराने जज्बे को महसूस किया है और हम उम्मीद करते हैं कि बिहार फिर से अपनी ऐतिहासिक जिम्मेदारी को निभाते हुए मोदी-शाह और बिहार सरकार को गद्दी से नीचे उतारेगी.