नयी दिल्ली/पटना/जहानाबाद : संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान “भड़काउ” भाषण देने के आरोपी शोध छात्र शरजील इमाम के खिलाफ कई राज्यों में देशद्रोह का मामला दर्ज होने के बाद उसकी गिरफ्तारी के लिये मुंबई, पटना और दिल्ली में छापेमारी की जा रही है. पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि बिहार निवासी इमाम की तलाश में अपराध शाखा के पांच दल लगाये गये हैं.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के इतिहास अध्ययन केंद्र के पीएचडी छात्र इमाम को जेएनयू के चीफ प्रॉक्टर ने भी तलब किया है. उन्होंने इमाम से तीन फरवरी तक प्रॉक्टोरियल समिति के समक्ष पेश होकर कथित भड़काऊ भाषण पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. शाहीन बाग प्रदर्शन के शुरुआती आयोजकों में से एक इमाम के खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा रविवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए, 153 ए और 505 के तहत मामला दर्ज किया गया था.
इसके अलावा उसके खिलाफ 16 जनवरी को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में दियेगये एक भाषण को लेकर शनिवार को देशद्रोह का मामला दर्ज किया. असम पुलिस ने भी शरजील के भाषणों को लेकर उसके खिलाफ आतंकवाद रोधी कानून यूएपीए के तहत एक मामला दर्ज किया है.
शरजील के बिहार स्थित घर पर छापेमारी
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान शाहीन बाग और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में भड़काऊ भाषण देने के आरोपी शरजील इमाम के बिहार में जहानाबाद स्थित पैतृक घर पर यहां की पुलिस ने छापेमारी की. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी. जहानाबाद के पुलिस अधीक्षक (एसपी) मनीष कुमार के मुताबिक, काको थानाक्षेत्र में पड़ने वाले इमाम के घर पर रविवार की रात छापे मारे गये. उन्होंने बताया कि जेएनयू शोधार्थी के खिलाफ दर्ज मामलों की जांच कर रही “केंद्रीय एजेंसियों की तरफ से मदद मांगे जाने” के बाद यह कार्रवाई की गयी.
एसपी ने बताया कि इमाम अपने घर पर नहीं मिला, लेकिन पूछताछ के लिए उसके दो रिश्तेदारों और उनके चालकों को हिरासत में लिया गया और बाद में छोड़ दिया गया. फिलहाल, शरजील इमाम फरार है लेकिन इसे ढूंढने के लिए पुलिस पटना के सब्जीबाग समेत कई संभावित ठिकानों पर भी छापेमारी कर रही है.
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था भड़काऊ भाषण
आईआईटी मुंबई से कंप्यूटर साइंस में स्नातक, शरजील इमाम जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर हिस्टोरिकल स्टडीज से शोध करने के लिए दिल्ली आया था. शरजील के कथित भड़काऊ भाषणों के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उसके खिलाफ राजद्रोह के आरोप लगायेगये हैं. इन भाषणों में उसे सीएए के मद्देनजर असम को भारत से अलग करने के बारे में बोलते हुए सुना जा सकता है.
शरजीत के पिता स्थानीय जदयू नेता थे
इससे पहले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) परिसर में दियेगये भाषण को लेकर इसी आरोप में अलीगढ़ के थाने में शरजील के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. इसके अलावा, असम में शरजील के खिलाफ सख्त आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए के तहत एक मामला दर्ज किया गया है. शरजील के दिवंगत पिता अकबर इमाम स्थानीय जदयू नेता थे, जिन्होंने अपने जीवनकाल में विधानसभा चुनाव भी लड़ा था पर हार गये थे.
शरजील की मां ने मीडिया से ये कहा
घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए शरजील की परेशान मां अफशान रहीम ने मीडिया से कहा, “मेरा बेटा निर्दोष है. उसने एनआरसी को लेकर परेशानी को देखते हुए चक्का जाम की बात कही होगी जिससे शायद सरकार पर असर पड़े. वह नौजवान है, कोई चोर या पॉकेटमार नहीं. मैं खुदा की कसम खा कर कहती हूं कि मुझे नहीं पता कि वह कहां है, ‘‘लेकिन मैं गारंटी देती हूं कि मामलों की जानकारी होने पर वह जांच एजेंसियों के सामने पेश होगा और जांच में पूरी तरह सहयोग करेगा.”
उन्होंने कहा कि लंबे समय से वह अपने बेटे से नहीं मिली हैं, लेकिन कुछ हफ्ते पहले उनकी फोन पर बातचीत हुई थी. रहीम ने कहा, “ वह सीएए और देश में एनआरसी लागू होने के भय से परेशान था. उसने कहा था कि इससे मुस्लिम ही नहीं बल्कि सभी गरीब लोग परेशान होंगे.” उन्होंने कहा कि असल में शाहीन बाग प्रदर्शन के करीब 15 दिन बाद उसने प्रदर्शनकारियों से वहां से हट जाने को कहा था और एक महीने तक स्थिति देखने तथा फिर भविष्य के कदम पर फैसला लेने को कहा था. रहीम ने कहा, “लेकिन वे लोग पीछे हटने को तैयार नहीं हुए। वह ‘चक्काजाम’ का आह्वान कर रहा था. वह बच्चा है और लोगों को अलगाव के लिए उकसाने की उसमें सामर्थ्य नहीं है.”
मणिपुर, अरूणाचल में उसके खिलाफ मामला दर्ज
इम्फाल/ईटानगर : पुलिस ने सीएए विरोधी कार्यकर्ता शरजील इमाम के बिहार स्थित पैतृक आवास पर छापेमारी की, लेकिन वह नहीं मिला. इमाम के खिलाफ देश के कई राज्यों में देशद्रोह का मामला दर्ज है. पूर्वोत्तर के दो राज्यों मणिपुर और अरूणाचल प्रदेश में उसके भाषण को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गयी है, जिसमें उसने असम और पूर्वोत्तर को देश के अन्य हिस्सों से ‘‘काटने’ की धमकी दी थी.
शरजील इमाम के वीडियो सामने आने के बाद मामले दर्ज हुए, जिसमें उसने कहा कि अगर ‘‘पांच लाख लोग एकजुट हो जाएं’ तो पूर्वोत्तर को भारत से काटा जा सकता है. वीडियो में उसे यह कहते हुए दिखाया गया, ‘‘अगर पांच लाख लोग एकजुट हो जाएं तो हम पूर्वोत्तर और भारत को हमेशा के लिए अलग कर देंगे. अगर नहीं तो कम से कम एक महीने या आधा महीने के लिए. रेल पटरियों पर सड़कों पर इतना मवाद फैला देंगे कि वायुसेना को इसे साफ करने में एक महीना लग जायेगा.’ उसने कथित तौर पर कहा, ‘‘असम को (भारत से) काटना हमारी जिम्मेदारी है, तभी वे (सरकार) हमें सुनेंगे. हम असम में मुस्लिमों की स्थिति जानते हैं. उन्हें निरोध केंद्रों में रखा जा रहा है.’
असम पुलिस ने उसके खिलाफ आतंकवाद निरोधक कानून, गैर कानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है. इस बीच मणिपुर और अरूणाचल प्रदेश की पुलिस ने इमाम के खिलाफ भादंसं की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है जो देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और देशद्रोह से संबंधित हैं. उसे आजीवन कारावास की सजा हो सकती है.
मणिपुर के मुख्यमंत्री के सलाहकार रजत सेठी ने ट्वीट किया, ‘‘शरजील के आपत्तिजनक वीडियो का संज्ञान लेते हुए मणिपुर पुलिस ने भादंसं की धारा 121, 121-ए, 124-ए, 120-बी, 153 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है.’ मामला शनिवार को दर्ज किया गया. अरूणाचल प्रदेश पुलिस की अपराध शाखा ने भी रविवार को इमाम के खिलाफ ऐसा ही मामला दर्ज किया. यह जानकारी विशेष जांच दल (एसआईटी) के एसपी नवदीप सिंह बरार ने दी.
एसआईटी ने मामले की जांच शुरू कर दी है. अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने ट्वीट किया, ‘‘असम एवं पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों को शेष भारत से काटने के लिए भड़काने, सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने, संप्रभुता में बाधा डालने और भारत की अखंडता को चुनौती देने जैसी बातों को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.’