संवाददाता @ पटना
राज्य सरकार ने अत्यंत पिछड़ा वर्ग के छात्र और उद्यमियों को भारी राहत दी है. जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणा को अमल में लाते हुए मंगलवार को राज्य कैबिनेट ने अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति के युवा व युवतियों की तर्ज पर मुख्यमंत्री उद्यमी योजना का लाभ देने की मंजूरी प्रदान कर दी. इसके तहत इबीसी वर्ग के युवाओं को सूक्ष्म व लघु उद्योग स्थापित करने के लिए कुल योजना की लागत पर अधिकतम 10 लाख की राशि की सहायता की जायेगी. इसमें आधी राशि ब्याज मुक्त होगी. इस राशि की वसूली योजना के तहत तीसरी एवं अंतिम किस्त के भुगतान के एक साल बाद बिहार स्टार्ट अप फंड ट्रस्ट के द्वारा 84 आसान किस्तों में की जायेगी. इसके साथ ही एससी-एसटी छात्रों की तरह ढाई लाख रुपये सालाना आमदनी वाले परिवार के बच्चों को छात्रवृति का लाभ मिल सकेगा.
कैबिनेट में लिए गये निर्णय के अनुसार सीएम उद्यामी योजना के तहत दी गयी दस लाख की सहायता राशि की आधी राशि अनुदान के रूप में दी जायेगी. इस प्रकार कुल योजना लागत का आधी राशि ब्याज मुक्त कर्ज के रूप में और 50 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में होगी. साथ ही सभी लाभुकों के प्रशिक्षण एवं योजना के अनुश्रवण समिति सहायता के लिए प्रति इकाई हजार की दर से खर्च की जायेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना में संशोधन की स्वीकृति दी गयी है. कैबिनेट द्वारा कुल 29 एजेंड़ों की स्वीकृति दी गयी.
उद्यमियों की निबंधन प्रक्रिया सरल
कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव डॉ दीपक प्रसाद ने बताया कि इस योजना में किये गये संशोधन के अनुसार उद्यमियों के निबंधन प्रक्रिया को भी सरल किया गया है. अब इस प्रकार के उद्यमी को निबंधन की छूट मिल गयी है. ऐसे उद्यमी प्रॉपराइटरशिप फार्म के माध्यम से अपने निजी पैन नंबर के आधार पर अपना कारोबार कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति योजना के तहत 2019 में 3500 युवा -युवतियों को उद्यमिता के लिए इस योजना का लाभ दिया जा चुका है.
ओबीसी छात्रवृत्ति लाभ अब 2.5 लाख वार्षिक आय तक के छात्रों को
कैबिनेट द्वारा मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति के तहत वार्षिक आय में वृद्धि की गयी है. अभी तक अत्यंत पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों का डेढ़ लाख के वार्षिक आय पर यह छात्रवृत्ति दी जाती थी. इसको बढ़ा कर अब ढाई लाख कर दिया गया है. अभी तक इस योजना का लाभ करीब दो लाख विद्यार्थियों को मिलता था. वार्षिक आय वृद्धि करने से इसमें 23-30 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है. इसके अलावा कैबिनेट द्वारा जन नायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास योजना के तहत लखीसराय, समस्तीपुर, दरभंगा, खगड़िया, सीवान और वैशाली जिला में छात्रावास निर्माण के लिए 26 करोड़ नौ लाख 80 हजार की प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी है. इसमें 12 करोड़ 75 लाख राशि का वहन बिहार राज्य पुल निर्माण निगम द्वारा वहन किया जायेगा.
सरकारी नियंत्रण में संचालित होंगे बाल गृह
राज्य मंत्रिपरिषद ने राज्य में गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा संचालित आवासीय गृहों में पायी गयी अनियमितताओं को देखते हुए अब सरकार के नियंत्रण में बाल गृहों के संचालन की अनुमति दी है. समाज कल्याण विभाग बच्चों के लिए बाल गृहों के निर्माण तथा संचालन मुख्यमंत्री बाल आश्रय विकास योजना के तहत किया जायेगा. इसके तहत बालक, बालिका, शिशु आदि वर्ग के लाभान्वित बच्चों को रहने की व्यवस्था होगी. राज्य के विभिन्न जिलों में भूमि की उपलब्धता वृहद आश्रय गृहों का निर्माण किया जाना है. इसमें दो सौ बच्चों के रहने की व्यवस्था होगी. कैबिनेट द्वारा मुख्यमंत्री बाल आश्रय विकास योजना के तहत 12 परियोजनाओं की स्वीकृति दी गयी है. इसमें प्रति योजना 200 लाभुकों के लिए 29.71 करोड़ की लागत से वृहद आश्रय गृहों के निर्माण की स्वीकृति दी गयी. साथ ही 12 आश्रय गृहों के निर्माण व सज्जाकरण पर कुल 356.56 करोड़ के खर्च की अनुमति दी गयी. इसका निर्माण राज्य सरकार अपनी निधि से करायेगी.
चीनी मिल अब बी-हेवी मोलासिस से करेंगे इथनॉल का उत्पादन
राज्य के चीनी मिलों को अब बी-हेवी मोलासिस से इथनॉल के उत्पादन की अनुमति मिल गयी है. अभी तक चीनी मिल ग्रेड सी-हेवी मोलासिस से इथनॉल उत्पादन की अनुमति थी. जैव ईंधन पर तैयार राष्ट्रीय नीति 2018 के आलोक में राज्य मंत्रिपरिषद ने इस प्रस्ताव पर सहमति दी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में लिये गये महत्वपूर्ण फैसलों में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण समिति के तहत बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति के द्वारा राज्य स्तर से लेकर स्वास्थ्य उप केंद्र तक अनुबंध पर नियुक्ति व कार्यरत सभी प्रकार के पदों पर काम करनेवाले कर्मियों की सेवा अवधि के दौरान मृत्यु होने पर उनके निकट आश्रित को चार लाख का अनुग्रह अनुदान देने पर सहमति दी गयी. लोक नायक जय प्रकाश नारायण हड्डी रोग अति विशिष्ट अस्पताल,राजवंशी नगर व न्यू गार्डिनर रोड इंडोक्रायोनोलॉजी अति विशिष्ट अस्पताल में योग्य निदेशकों के पदस्थापन की स्वीकृति दी गयी.
कैबिनेट के अन्य फैसले
राज्य योजना के तहत जैविक खेती प्रोत्साहन के तहत कटिहार जिला में जैविक खेती के लिए 2019-20 और 2021-22 तक के लिए कुल 663.18 करोड़ की स्वीकृति दी गयी है. संयुक्त कृषि भवन मुंगेर के निर्माण के लिए कुल 7.96 करोड़ की राशि में 2019-20 में से 2.21 करोड़ खर्च करने की अनुमति दी गयी . कृषि विभाग के जल जीवन हरियाली अभियान के तहत खेत में जल संचयन एवं कृषि प्रबंधन की योजना को लागू करने के लिए 60 करोड़ की रकम खर्च करने पर सहमति दी गयी. मंडई वीयर व उससे निकलने वाली बायें व दायें मुख्य नहर प्रणाली तथा संरचना के निर्माण कार्य 232.83 करोड़ खर्च होंगे. गन्ना उद्योग विभाग के अराजपत्रित संवर्ग के भर्ती एवं सेवा शर्त नियमावली, 2016 के तहत गन्ना उद्योग विभाग के तहत क्षेत्रीय कार्यालयों के लिपिकीय संवर्ग में उच्च वर्गीय लिपिक एवं प्रधान लिपिक के पदों के बदलाव की स्वीकृति दी गयी.
अररिया जिला में नयी पुलिस लाइन के लिए जमीन हस्तांतरित की अनुमति दी गयी. जहानाबाद जिला के वाणावर पर्वत रोप-वे के निर्माण के लिए पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की भूमि को निशुल्क पर्यटन विभाग को हस्तांतरित करने पर मुहर लगायी गयी. बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय, पूर्णिया के छह पदों के सृजन की स्वीकृति दी गयी.
मुंगेर जिला के हवेली खड़गपुर प्रखंड के बहिरा ग्राम पंचायत स्थित मध्य विद्यालय भदौरा को उच्च माध्यमिक विद्यालय में उत्क्रमित करने की अनुमति दी गयी. भोजपुर जिला के सहार की तत्कालीन बाल विकास परियोजना पदाधिकारी श्रीमती शिप्रा सिन्हा को सेवा समाप्ति की शास्ति की स्वीकृति दी गयी. छठे राज्य वित्त आयोग के अवधि विस्तार को अनुमति दी गयी. बिहार अवर सांख्यिकी संवर्ग नियमावली 2020 की स्वीकृति दी गयी.
बिहार पशु विज्ञान विवि एवं इनके अधीन सभी अंगीभूत संस्थानों के शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों को क्रमश: आइसीएआर एवं राज्य कर्मियों के अनुरूप पुनरीक्षित वेतनमान की स्वीकृति दी गयी. कैबिनेट ने बिहार परिवहन सेवा नियमावली 2020 के गठन की स्वीकृति दी. बिहार राज्य के बाल्मीकि व्याघ्र आरक्षित विशेष व्याघ्र संरक्षण बल गठित करने के लिए एक सहायक वन संरक्षक, तीन वनों के क्षेत्र पदाधिकारी, 18 वनपाल और 90 टाइगर गार्ड के अतिरिक्त पदों के सृजन की स्वीकृति दी गयी.
सासाराम के तत्कालीन चकबंदी पदाधिकारी महेश राम को सेवा से बर्खास्त करने की स्वीकृति दी गयी. बक्सर, आरा एवं पटना जिला के में गंगा नदी के दायें और बायें किनारे कराये जानेवाले कटाव निरोधक कार्य के लिए 67.87 करोड़, बाढ़ पूर्व भागलपुर एवं कटिहार जिला के तहत गंगा नदी के बायें एवं दायें तट के विभिन्न स्थलों पर कटाव निरोध कार्य के लिए 77.14 करोड़ की मंजूरी दी गयी.