पटना : राजधानी पटना में नगर निगम के चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों की हड़ताल से शहर की सूरत बिगड़ने लगी है. नियमित करने की मांग को लेकर नगर निगम के चतुर्थवर्गीय कर्मी सोमवार की सुबह से हंगामा करने लगे. आक्रोशित कर्मियों ने राजधानी के मुख्य चौराहों डाक बंगला और इनकम टैक्स पर कूड़ा-कचरा फेंक कर विरोध जताया और हजारों की संख्या में मौर्यालोक पहुंचे और कार्यालय का घेराव कर दिया. साथ ही डाक बंगला और इनकम टैक्स चौराहे पर कूड़ा कचरा फेंक कर प्रदर्शन किया. बताया जाता है कि कर्मचारियों ने नगर निगम मुख्यालय के सामने मृत पशु को भी लटका दिया. आक्रोशित कर्मियों ने चेतावनी दी है कि हमारी मांगें नहीं पूरी हुईं तो हड़ताल जारी रहेगी.
मालूम हो कि लोकायुक्त न्यायालय के आदेश पर नगर विकास और आवास विभाग के निर्देश पर नगर निकायों में दैनिक मजदूरी पर कार्यरत कर्मियों को हटाने पर पटना नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर ने विरोध किया है. काम से हटाने के खिलाफ दैनिक कर्मियों ने हड़ताल पर जाने का निर्णय किया है. मेयर सीता साहू का कहना है कि निगम में आउटसोर्सिंग और एजेंसियों के जरिये निगम द्वारा कर्मियों की सेवाएं ली जा रही हैं. निगम में दस सालों से अधिक समय से काम कर रहे कर्मियों को नियमित करने की प्रक्रिया चल रही है. उन्होंने कहा कि वे लोकायुक्त न्यायालय का सम्मान करते हैं. लगता है कि लोकायुक्त न्यायालय में बहुत सारे तथ्यों को छिपा कर गुमराह करने का प्रयास किया गया है. निगम अपना पक्ष रखेगी. उन्होंने सरकार से सवाल किया कि कैसे बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 में दिये गये प्रावधानों को एक-एक कर संकल्प के माध्यम से समाप्त किया जा रहा है. अगर अधिनियम में संशोधन की आवश्यकता है तो सरकार सभी नगर निगम, नगर निकाय के प्रतिनिधियों की बैठक बुला कर सुझाव ले.