पुरुषों की तुलना में कम रिश्वत लेती हैं महिलाएं, घूस लेने वालों में राजस्व और इंजीनियरिंग सेवा के पदाधिकारियों की संख्या तीस फीसदी
अनुज शर्मा पटना : बिहार में महिला अधिकारी और कर्मचारी पुरुषों के मुकाबले कम बेईमान हैं. वह हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ दौड़ रही हैं, लेकिन भ्रष्टाचार में साथ नहीं दे रहीं. बीते 15 सालों में विजिलेंस ने जितने भी लोगों को रिश्वत लेते पकड़ा है , उनमें महिलाएं मात्र 2.4 फीसदी है. 80 […]
अनुज शर्मा
पटना : बिहार में महिला अधिकारी और कर्मचारी पुरुषों के मुकाबले कम बेईमान हैं. वह हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ दौड़ रही हैं, लेकिन भ्रष्टाचार में साथ नहीं दे रहीं. बीते 15 सालों में विजिलेंस ने जितने भी लोगों को रिश्वत लेते पकड़ा है , उनमें महिलाएं मात्र 2.4 फीसदी है. 80 हजार से अधिक मानव संख्या वाले पुलिस महकमा से एक भी महिला पुलिस कर्मी नहीं पकड़ी गयी.
यहां सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक करीब बीस हजार महिलाएं कार्यरत हैं. निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के रिकार्ड के अनुसार वर्ष 2006 से जनवरी 2020 तक रिश्वत के साथ रंगे हाथ पकड़े जाने के 905 कांड दर्ज हैं.
करीब एक हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया . इनमें अब तक करीब 22 महिलाएं पकड़ी गयी हैं. इनमें पांच सीडीपीओ, तीन आंगनबाड़ी पर्यवेक्षक, एक बाल विकास अधिकारी और एक आंगनबाड़ी सुपरवाइजर हैं. दो सरपंच, तीन प्रिंसिपल, तीन बीइओ, एक एइओ हैं.विजिलेंस के आंकड़े बताते हैं कि घूस लेने वालों में राजस्व, भूमि से जुड़े विभाग और इंजीनियरिंग सेवा के पदाधिकारियों की संख्या करीब तीस फीसदी है.
41 भ्रष्टाचारियों में करीब सात इंजीनियर, तीन बीडीओ, दो सीओ, दाे थानेदार और चार एडीएम- एसडीएम स्तर के पदाधिकारी हैं. 2011 से अब करीब पांच सौ लाेगों को पकड़ा गया. इसमें भूमि एवं राजस्व से जुड़े 85 अफसर- कर्मचारी हैं. 2015 से 2019 तक घूस लेते 12 सीओ दबोचे गये.
15 साल में राज्यभर में विभिन्न विभागों के एक हजार पदाधिकारी- कर्मचारी, प्रतिनिधि रिश्वत लेते पकड़े गये
महिला हजारों में तो पुरुष मांग रहे लाखों की रिश्वत
विजिलेंस ने रिश्वत लेते जितने भी लोगों को पकड़ा, उनमें सबसे बड़ी रकम 16 लाख है. 41 लोग लाखों में रिश्वत लेते पकड़े गये. इस सूची में केवल एक महिला हैं.
कैमूर की बीडीओ 1.15 लाख लेते पकड़ी गयी थीं. 2015 से अब तक तीस लोग एक लाख से कम 50 हजार से अधिक रिश्वत के साथ पकड़े गये. मात्र 122 ने दस हजार या उससे कम रिश्वत ली. पहली बार ऐसा हुआ है कि शिवहर जैसे छोटे जिले में भी एक लाख की रिश्वत की मांग की गयी.
घूस लेने के सबसे बड़े आरोपित
वर्ष ट्रैप
2020 से अब तक 04
2016-19 270
2011- 15 249
2006- 10 382
अरविंद कुमार, कार्यपालक अभियंता, कटिहार रोड डिवीजन, 16 लाख
सुरेश प्रसाद सिंह, कार्यपालक अभियंता , पथ निर्माण विभाग पटना- 14 लाख
ओमप्रकाश , एडीएम बेगूसराय, छह लाख
राजाराम सिंह , उजरत अमीन, नालंदा, पांच लाख
मनोज कुमार चौधरी, कार्यपालक अभियंता, पीएचइडी डिवीजन, बांका, चार लाख
महर्षि राम, एडीशनल कलेक्टर नवादा चार लाख