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दानापुर : किराये के भवन में जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते हैं बच्चे

संजय कुमार दानापुर : प्रखंड में कई ऐसे स्कूल हैं, जहां बुनियादी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं हैं. ऐसा ही एक स्कूल है दानापुर-मनेर मुख्य मार्ग पर स्थित दाउदपुर राजकीय मध्य विद्यालय. यह स्कूल किराये पर संचालित किया जाता है. विद्यालय में 715 बच्चे नामांकित हैं. वहीं 16 शिक्षक कार्यरत हैं. शिक्षकों के बैठने के लिए […]

संजय कुमार
दानापुर : प्रखंड में कई ऐसे स्कूल हैं, जहां बुनियादी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं हैं. ऐसा ही एक स्कूल है दानापुर-मनेर मुख्य मार्ग पर स्थित दाउदपुर राजकीय मध्य विद्यालय. यह स्कूल किराये पर संचालित किया जाता है. विद्यालय में 715 बच्चे नामांकित हैं.
वहीं 16 शिक्षक कार्यरत हैं. शिक्षकों के बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं है. इससे शिक्षक जमीन पर बैठकर बच्चों को पढ़ाते हैं. यहां पहली से आठवीं कक्षा तक के छात्र जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते हैं. विद्यालय में मात्र तीन कमरे खपरैल हैं.
दो टीन शेड है. कमरे में मात्र 15 टेबुल हैं. यहां बच्चे जान जोखिम में डालकर कर जर्जर भवन के नीचे बैठकर पढ़ाई करने को विवश हैं. यह विद्यालय कई सालों से ऐसे ही जर्जर भवन में संचालित किया जा रहा है. इसकी जानकारी अधिकारियों को भी है.
मगर अब तक कोई सुधि लेने के लिए कोई उचित पहल नहीं की गयी है. शिक्षकों का मानना है कि स्कूल के सुविधाविहीन होने के बाद भी यहां पर पढ़ाई बेहतर ढंग से बच्चों को करायी जाती है. शिक्षकों ने बताया कि बारिश में जर्जर भवन से पानी टपकता है और स्कूल परिसर जलमग्न हो जाता है. इससे बच्चों का पठन-पाठन पूरी तरह से बाधित हो जाता है. मिड-डे- मील योजना के तहत खाने का समय होता है तो बच्चे हाथ में थाली लेकर स्कूल परिसर में खाते हैं.
मिड-डे-मील बनाने में रसोइयों को भारी परेशानी होती है. स्कूल में शौचालय है तो जर्जर हालत में है. शिक्षक व शिक्षिकाओं को परेशानी झेलना पड़ती है. पेयजल के लिए दो चापाकल हैं. स्कूल के आगे चहारदीवारी टूट गयी है. इससे स्कूल बंद रहने पर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है. स्कूल के मुख्य द्वार पर कूड़ादान है.
कूड़ादान की बदबू से स्कूल के बच्चे को पढ़ने में भारी परेशानी झेलनी पड़ती है. स्कूल में बच्चे स्कूल ड्रेस व बिना ड्रेस में भी आते है. आज तक सर्वशिक्षा अभियान योजना के तहत स्कूल के भवन का निर्माण नहीं कराया जा सका है. स्कूल के प्रभारी प्राचार्य पंकज कुमार ने बताया कि स्कूल भूमिहीन व भवनहीन है. उन्होंने बताया कि किराये की भूमि पर स्कूल संचालित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि दानापुर के विजय साह की जमीन है और 1971 के बाद से किराये भी बंद हो गया है.
भवनहीन स्कूलों को िकया गया िशफ्ट
प्रखंड के 170 विद्यालय में 3-4 विद्यालय में शौचालय नहीं है और जो भूमिहीन व भवनहीन विद्यालय थे, उसे दूसरे स्कूलों में शिफ्ट कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि किराये पर संचालित होने के कारण स्कूल के भवन का निर्माण नहीं किया जा सकता है.
दिनेश कुमार पंकज, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी

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