पटना : सहयोगियों की मदद से हथियार लेकर आर्म्स मजिस्ट्रेट कार्यालय आते हैं बुजुर्ग
पटना : पटना जिले में कई बुजुर्ग व्यक्तियों के पास भी हथियार का लाइसेंस है. हालत यह है कि अगर जिला आर्म्स मजिस्ट्रेट के कार्यालय में हथियार का इंस्पेक्शन कराना हो या रिन्युअल कराना हो, तो वे सहयोगियों की मदद से राइफल या बंदूक को लाते हैं. वे खुद ही लाठी लेकर चलते हैं और […]
पटना : पटना जिले में कई बुजुर्ग व्यक्तियों के पास भी हथियार का लाइसेंस है. हालत यह है कि अगर जिला आर्म्स मजिस्ट्रेट के कार्यालय में हथियार का इंस्पेक्शन कराना हो या रिन्युअल कराना हो, तो वे सहयोगियों की मदद से राइफल या बंदूक को लाते हैं. वे खुद ही लाठी लेकर चलते हैं और उनके सहयोगी हाथ में हथियार लेकर पहुंचते हैं. कई ऐसे मामले जिला प्रशासन के हिंदी भवन कार्यालय में सामने आये हैं. एक बुजुर्ग की उम्र लगभग 75 साल की थी और उन्होंने दो राइफल का लाइसेंस अपने नाम पर ले रखा था. लेकिन वे खुद लाठी के सहारे चल रहे थे और उनके पीछे उनका पोता, दो राइफल कंधे पर लटका कर चल रहा था.
क्या है लाइसेंस का नियम
आमतौर पर लाइसेंस उन लोगों को दिया जाता है, जो शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत रहते हैं. लेकिन इन बुजुर्गों की हालत ऐसी थी कि वे खुद सही से नहीं चल पा रहे थे, हथियार कैसे संभालेंगे. अब ताे हथियार चलाने का भी सर्टिफिकेट लिया जा रहा है.
कई बुजुर्ग लोगों ने खुद ही लाइसेंस को रद्द करने की इच्छा जाहिर की थी. इसके साथ ही इस तरह का मामला सामने आता है, तो उनके लाइसेंस का रिन्युअल नहीं किया जाता है. अभी तक ऐसे करीब 400 लोगों का लाइसेंस रद्द किया जा चुका है.
कुमारिल सत्यनंदन, आर्म्स मजिस्ट्रेट