पटना : कोरोना वायरस की चपेट में आया चीन पूरी तरह दुनिया से कट चुका है. इसका सबसे अधिक असर दवा उद्योग पर पड़नेवाला है. बिहार में बुखार की दवा पेरासिटामोल से लेकर सिप्रोफ्लोक्सासिन, एजिथ्रोमाइसिन, ओफ्लोक्सासिन सहित सभी प्रकार के सस्ते रिएजेंट की चीन से ही आपूर्ति होती है.
वर्तमान स्थिति में चीन अगर भारत से कटा रहा, तो बिहार में इसका असर दो माह बाद दिखने लगेगा. बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष परसन कुमार सिंह ने बताया कि चीन से सस्ती दवाएं भारत में आयात होती हैं. फिलहाल तो राज्य में दवाओं को लेकर कोई संकट नहीं है. लेकिन, दो माह के बाद बिहार भी दवाओं की खपत को लेकर परेशानी हो सकती है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी चीन से बिहार लौटे पांच लोगों की सूची
स्वास्थ्य मंत्रालय ने चीन से लौटे पांच बिहारियों की सूची जारी की है. राज्य सर्विलांस टीम द्वारा इन पैसेंजरों को होम आइसोलेशन में रखकर निगरानी की जा रही है. चीन से लौटे पैसेंजरों में दो मधेपुरा, एक भोजपुर और दो मधुबनी के रहनेवाले हैं.
गया में कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीज को अस्पताल में कराया गया भर्ती
इधर, कोरोना वायरस के संदिग्ध एक मरीज को मगध मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया. भर्ती युवक बोधगया प्रखंड के शेखवारा गांव का टारजन कुमार 10 जनवरी को चीन से लौटा है.