एक अधिकारी को मिला पांच जिलों का टास्क, 38 जिलों को कई भागों में बांटकर अधिकारियों को मामला सुलझाने की जिम्मेदारी
पटना : दाखिल -खारिज के मामलों को निष्पादित करने के लिए राजस्व व भूमि सुधार विभाग लगातार प्रयास कर रहा है, लेकिन विभाग के दावों व आदेशों का असर अंचल स्तर पर नहीं पड़ रहा है. अब भी राजस्व कर्मचारी से लेकर अंचल अधिकारी और लिपिक तक दाखिल-खारिज के लाखों मामले लंबित हैं. इन्हीं समस्याओं […]
पटना : दाखिल -खारिज के मामलों को निष्पादित करने के लिए राजस्व व भूमि सुधार विभाग लगातार प्रयास कर रहा है, लेकिन विभाग के दावों व आदेशों का असर अंचल स्तर पर नहीं पड़ रहा है. अब भी राजस्व कर्मचारी से लेकर अंचल अधिकारी और लिपिक तक दाखिल-खारिज के लाखों मामले लंबित हैं.
इन्हीं समस्याओं को कम करने के लिए विभाग ने अब नयी जिम्मेदारी तय की गयी है. सभी 38 जिलों को पांच या चार भागों में बांट कर विभाग स्तर के अधिकारियों को दाखिल -खारिज के मामलों को सुलझाने की जिम्मेदारी दी गयी है. इन्हें अपर समाहर्ता से ऑनलाइन दाखिल- खारिज से संबंधित आवेदनों और उनके निबटारे की समीक्षा कर विभाग को रिपोर्ट देनी है.
अब भी नौ लाख से अधिक मामले लंबित
सभी जिम्मेदार पदाधिकारियों को सप्ताह में एक बार बैठक कर अपने संबंधित जिले की समीक्षा करनी होगी. इसके अलावा विभाग स्तर पर किसी भी समस्या को निबटाने के लिए आइटी मैनेजर को मदद करने के लिए आदेश दिया गया है. अधिकारियों को विभाग स्तर पर प्रत्येक गुरुवार को आयोजित होने वाली बैठक में अपने संबंधित जिले की रिपोर्ट देनी होगी. वहीं, शनिवार कोविभाग स्तर पर जारी आंकड़ों के अनुसार राज्य में अभी नौ लाख 27 हजार, नौ सौ 44 मामले दाखिल- खारिज के लंबित हैं. जानकारी के अनुसार अभी राज्य में 29 लाख 96 लाख 60 हजार आवेदन आये हैं. इनमें 11 लाख 88 हजार 13 मामलों को निष्पादित कर दिया गया है.
राजस्व कर्मचारियों ने लटकाये हैं सबसे अधिक आवेदन
दाखिल- खारिज आवेदनों को निबटाने में हो रही सुस्ती में सबसे अधिक जिम्मेदार राजस्व कर्मचारी हैं. इसके अलावा दूसरा आवेदन अंचल अधिकारी स्तर पर लटका हुआ है. जानकारी के अनुसार कर्मचारियों ने एक लाख 90 हजार चार सौ 73 और अंचलाधिकारी स्तर पर 52 हजार एक सौ 39 मामले लंबित हैं.