देश की दूसरी बड़ी सिंचाई परियोजना कोसी-मेची लिंक और सकरी-नाटा का मामला : खर्च का 90 फीसदी केंद्र से मांगेगी सरकार
अररिया, कटिहार, किशनगंज और पूर्णिया जिलों को होगा फायदा पटना : राज्य की दो महत्वाकांक्षी सिंचाई परियोजनाएं कोसी-मेची लिंक और सकरी-नाटा में होने वाले खर्च करीब 61 सौ करोड़ के 90 फीसदी हिस्सा केंद्र से देने की मांग राज्य सरकार करेगी. पैसे की स्वीकृति के बाद ही इस योजना को गति मिल सकेगी. दोनों परियोजनाओं […]
अररिया, कटिहार, किशनगंज और पूर्णिया जिलों को होगा फायदा
पटना : राज्य की दो महत्वाकांक्षी सिंचाई परियोजनाएं कोसी-मेची लिंक और सकरी-नाटा में होने वाले खर्च करीब 61 सौ करोड़ के 90 फीसदी हिस्सा केंद्र से देने की मांग राज्य सरकार करेगी. पैसे की स्वीकृति के बाद ही इस योजना को गति मिल सकेगी. दोनों परियोजनाओं के लिए इस बार के केंद्रीय बजट में अलग से राशि स्वीकृत होने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं होने पर केंद्र सरकार राज्य सरकार इसके लिए पहल करेगी.
सूत्रों का कहना है कि देश में केन-बेतवा नदी जोड़ योजना के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी परियोजना बिहार की कोसी–मेची लिंकिंग नहर योजना है. इस योजना का फसलों की सिंचाई के लिए सीधा फायदा अररिया, कटिहार, किशनगंज और पूर्णिया जिले के 21 प्रखंडों के दो लाख 10 हजार 516 हेक्टेयर क्षेत्र को होगा. इससे किसानों को आसानी से खेतों के लिए पटवन मिल सकेगा. इस योजना पर 4900 करोड़ की लागत आयेगी.
बिहार और झारखंड के पदाधिकारियों की कमेटी बनी
इसके अलावा सकरी-नाटा लिंकिंग योजना करीब 1200 करोड़ रुपये की है. सकरी नदी झारखंड के कोडरमा से निकलती है. सकरी नदी पर बकसोती बराज से नहर निकाल कर आहर-पइन को जोड़ते हुए नाटा नदी में पानी भेजा जायेगा.
इसका सीधा लाभ नवादा, जमुई, शेखपुरा और नालंदा के किसानों को होगा. इन चार जिलों के करीब 60 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई आसान हो जायेगी. इस योजना पर विचार के लिए केंद्रीय जल आयोग, झारखंड और बिहार के पदाधिकारियों की कमेटी बनायी गयी है. इसकी रिपोर्ट पर केंद्र सरकार विचार करेगी, इसके बाद परियोजना के लिए बजट की स्वीकृति मिल सकेगी.
क्या कहते हैं अधिकारी : जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने बताया कि कोसी-मेची और सकरी-नाटा लिंक परियोजनाओं में बिहार सहित अन्य राज्य भी शामिल हैं. ऐसे में इन परियोजनाओं पर बिहार सहित अन्य राज्यों में भी काम होगा. साथ ही पानी का बंटवारा भी किया जायेगा.
इसलिए दोनों परियोजनाओं में केंद्र सरकार की बड़ी भूमिका है. दोनों परियोजनाअों पर खर्च के लिए लिए सेंट्रल फंड जारी करने मांग की जायेगी. इसमें केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 90 और राज्य सरकार की हिस्सेदारी 10 फीसदी संबंधी प्रस्ताव रखा जायेगा.