पटना : पीएमसीएच में कैंसर रोगियों की होगी बेहतर सिंकाई

साकिब पटना : पीएमसीएच में जल्द ही लीनियर एक्सीलेटर मशीन लगेगी. इसके लगने के बाद कैंसर के मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी. अत्याधुनिक तकनीक से लैस इस मशीन से बेहतर तरीके से सिंकाई हो सकेगी. अभी बिहार के किसी सरकारी अस्पताल में यह मशीन नहीं है. निजी अस्पतालों में इस मशीन से सिंकाई करवाने पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 10, 2020 8:40 AM
साकिब
पटना : पीएमसीएच में जल्द ही लीनियर एक्सीलेटर मशीन लगेगी. इसके लगने के बाद कैंसर के मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी. अत्याधुनिक तकनीक से लैस इस मशीन से बेहतर तरीके से सिंकाई हो सकेगी. अभी बिहार के किसी सरकारी अस्पताल में यह मशीन नहीं है.
निजी अस्पतालों में इस मशीन से सिंकाई करवाने पर मरीजों को एक से सवा लाख रुपये तक खर्च करना पड़ता है, जबकि पीएमसीएच में यह सुविधा नि:शुल्क मिलेगी. सरकारी में इस तरह की मशीन एम्स नयी दिल्ली, पीजीआइ चंडीगढ़ जैसे बड़े संस्थानों में ही है. नयी मशीन की तकनीक की मदद से मरीज को न के बराबर साइड इफेक्ट होगा. इसे प्रधानमंत्री स्वास्थ्य कल्याण योजना के तहत लगाया जायेगा. इसके लिए 29 करोड़ रुपये स्वीकृत हो चुके हैं. पिछले सप्ताह इसको लगाये जाने वाली जगह को देखने के लिए केंद्र सरकार की टीम भी आयी थी. टीम ने इसके नक्शे को भी मंजूरी दे दी है.
अब यहां मशीन लगाने से पूर्व बंकर बनाया जायेगा. इस बंकर की दीवार 30 सेंटीमीटर मोटी कंक्रीट की होती है. यह बंकर इसलिए बनाया जायेगा कि मशीन से निकलने वाला रेडिएशन बाहर नहीं निकल सके. पीएमसीएच के कैंसर रोग विभाग में मरीजों को फिलहाल कोबाल्ट थेरेपी के तहत सिंकाई की जाती है.
पीएमसीएच में कैंसर का इलाज नि:शुल्क
पीएमसीएच में कैंसर का इलाज पूरी तरह से नि:शुल्क होता है. ऐसा करने वाला यह देश का एकमात्र संस्थान है. यहां बेहतर इलाज की सुविधा होने से राज्य के गरीब मरीजों को बड़ा लाभ मिलेगा. अभी इसके ओपीडी में रोजाना करीब 50 कैंसर मरीज आते हैं. वहीं यहां कोबाल्ट मशीन से रोजाना करीब 60 मरीजों की सिंकाई होती है.
पीएमसीएच के कैंसर रोग विभाग में लीनियर एक्सीलेटर मशीन लगायी जायेगी. इसके लिए 29 करोड़ रुपये स्वीकृत भी हो चुके हैं. लगाने की प्रक्रिया चल रही है. इससे राज्य के गरीब मरीजों को काफी लाभ होगा. इस मशीन से सिंकाई होने में साइड इफेक्ट न के बराबर होता है.
डॉ पीएन पंडित, एचओडी, कैंसर रोग विभाग

Next Article

Exit mobile version