नयी दिल्ली : बीजेपी के सहयोगी दल एलजेपी ने केंद्र सरकार से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अलावा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति को दशकों से मिलते आ रहे आरक्षण के लाभों को इसी तरह से जारी रखने को सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने की अपील की. एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान ने सुप्रीम कोर्ट के उस निर्णय से अपनी पार्टी की असहमति को प्रकट करने के लिए ट्वीट किया. इसमें कहा गया है कि राज्य सरकारें इन समुदायों को सरकारी नौकरियों या पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं है.
चिराग पासवान ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट द्वारा सात फरवरी 2020 को दिये गये निर्णय, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग को सरकारी नौकरी / पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं है, एलजेपी सहमत नहीं है. यह निर्णय पूना पैक्ट समझौते के खिलाफ है. पार्टी भारत सरकार से मांग करती है कि तत्काल इस संबंध में कदम उठा कर आरक्षण / पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था जिस तरीके से चल रही है, उसी तरीके से चलने दिया जाये.’
एलजेपी के संस्थापक और केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान अनुसूचित जाति और जनजाति के सांसदों के साथ सोमवार को होनेवाली बैठक में यह मुद्दा उठा सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘मैंने राज्यसभा और लोकसभा के अजा/अजजा सदस्यों को 10 फरवरी को अपने निवास पर आमंत्रित किया है.’