पटना : राजद और कांग्रेस को छोड़ 195 सीटों पर सहयोगी कर रहे हैं दावा

पटना : राज्य में अपनी उपस्थिति रखने वाली छोटी राजनीतिक पार्टियों की ख्वाहिशें भी कम नहीं हैं. अकेले महागठबंधन की पार्टियां कम सीटों पर राजी नहीं है. महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राजद भले ही विधानसभा में सबसे बड़ा दल है, इस बार के चुनाव में अपने सहयोगी दलों को उनकी मर्जी के मुताबिक सीटें […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 12, 2020 9:05 AM
पटना : राज्य में अपनी उपस्थिति रखने वाली छोटी राजनीतिक पार्टियों की ख्वाहिशें भी कम नहीं हैं. अकेले महागठबंधन की पार्टियां कम सीटों पर राजी नहीं है.
महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राजद भले ही विधानसभा में सबसे बड़ा दल है, इस बार के चुनाव में अपने सहयोगी दलों को उनकी मर्जी के मुताबिक सीटें बाट दी तो उसे अपने लायक शायद तीस सीटें भी नहीं बच पायेगी. महागठबंधन की दो बड़ी पार्टियां राजद और कांग्रेस को छोड़ दिया जाये तो हम, रालोसपा और वीआइपी ने 243 सीटों में से 195 पर दावा कर दी है. हम को 85, रालोसपा को 80 और वीआइपी अपने को 35 सीटों का दावेदार मान रही है. इसी प्रकार एनडीए की सबसे छोटी घटक लोजपा ने भी 119 सीटों पर तैयारी का एलान कर दिया है.
महागठबंधन में विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर कोई बैठक नहीं हुई है, लेकिन पार्टियां अपने जिलाध्यक्षों व कार्यकर्ताओं की बैठक कर विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए सीटों की संख्या की बताने लगी है. खास बात तो यह है कि पिछले चुनाव में हम के एक और रालोसपा के दो विधायक चुनाव जीते थे. 2015 में वीआइपी का गठन भी नहीं हो पाया था. जबकि, राजद के 81 और कांग्रेस के 26 विधायक हैं.
हम ने ठोंका है 85 सीटों पर दावा
हम पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बीए बैश्यंत्री ने इसी सप्ताह जिलाध्यक्षों व पार्टी के पदाधिकारियों की बैठक कर कुल 85 सीटों पर चुनाव की तैयारी करने का संदेश दिया है. पार्टी ने दावा किया कि वह 50 सीटों पर जीत दर्ज करने माद्दा रखती है.
रालोसपा के उम्मीदवारों को दिया गया है टास्क
इधर, रालोसपा ने अपने पार्टी के विस उम्मीदवारों को टास्क दिया है. सूत्रों की मानें, तो उपेंद्र कुशवाहा ने सभी उम्मीदवारों को निर्देश दिया है कि पहले अपने क्षेत्र के 80% बूथों पर सक्रिय सदस्य बनाएं, तभी पार्टी उनके टिकट के लिए महागठबंधन में बात करेगी. यहां भी लगभग 80 सीटों पर तैयारी शुरू करने के निर्देश दिये गये हैं. पार्टी उपमुख्यमंत्री पद की भी मांग कर सकती है.
वीआइपी अभी नहीं खोल रही अपना पत्ता वीआइपी पार्टी
ने सीटों की दावेदारी के लिए अभी
अपना पत्ता नहीं खोला है. पार्टी को अपने बिहार में जनाधार को आकलन भी नहीं है. 30 से 35 सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बना रही है. अभी वीआइपी ने पत्ता नहीं खोला है.
बड़े दल नहीं दे रहे भाव : फिलहाल महागठबंधन के बड़े दल छोटी पार्टियों को भाव नहीं दे रहे हैं. जीतन राम मांझी की ओर से बीते कई महीनों से चल रही समन्वय समिति की मांग पर कुछ भी कार्रवाई नहीं है.

Next Article

Exit mobile version