पटना : लालू प्रसाद यादव के समधी चंद्रिका राय ने गुरुवार को आरजेडी छोड़ने का एलान कर दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि अब आरजेडी को ‘एक छोटी-सी मंडली’ नियंत्रित कर रही थी. इससे कई वरिष्ठ नेता नाराज हैं. चंद्रिका ने यह भी दावा किया कि आरजेडी के कई और विधायक विधानसभा चुनाव के समय पार्टी को छोड़ सकते हैं.
तीन दशक से राजनीति में हैं सक्रिय
पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा राय के पुत्र और बिहार के परसा विधानसभा क्षेत्र से विधायक चंद्रिका राय का राजनीतिक जीवन तीन दशक का है. उन्होंने निर्दलीय और कांग्रेस एवं आरजेडी के नेता के रूप में काम किया है. आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद के बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव के साथ चंद्रिका की बेटी ऐश्वर्या का विवाह हुआ था. लेकिन, अब तेज प्रताप यादव द्वारा तलाक का मामला अदालत के समक्ष विचराधीन है.
जेडीयू में जाने के दिये संकेत
माना जा रहा है कि चंद्रिका राय का अगला पड़ाव बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू होगी. चंद्रिका ने कहा कि वे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काम से प्रभावित हैं और उनमें उनका पूरा विश्वास है. उन्होंने नीतीश से हाल ही में मुलाकात कर ‘राजनीतिक स्थिति पर चर्चा’ करने की बात स्वीकारते हुए कहा कि वह अपने अगले राजनीतिक कदम के बारे में सभी को उचित समय पर सूचित करेंगे. इशारों-इशारों में उन्होंने कहा कि वह अपना फैसला कर चुके हैं. जेडीयू में शामिल होंगे के सवाल पर कहा कि बजट सत्र के दौरान सबको पता चल जायेगा.
आरजेडी के कई और नेता छोड़ सकते हैं साथ
माना जा रहा है कि चंद्रिका राय के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री मो एए फातमी के आरजेडी विधायक बेटे फराज फातमी और मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट के विधायक महेश्वर यादव के भी आरजेडी छोड़ कर जेडीयू में जाने के कयास लगाये जा रहे हैं. फराज फातमी के पिता अली अशरफ फातमी पूर्व में ही जेडीयू में शामिल हो चुके हैं. जबकि, महेश्वर यादव कई बार पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बोल कर मंशा जता चुके हैं.
पार्टी छोड़ने के सवाल पर वरिष्ठ नेताओं के सुर अलग-अलग
आरजेडी छोड़ने के सवाल पर वरिष्ठ नेताओं के सुर अलग-अलग हैं. आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि चंद्रिका राय की नाराजगी व्यक्तिगत कारणों से है. साथ ही उन्होंने कहा कि जिन लोगों को कष्ट है, वे भी जा सकते हैं. उनको मेरी शुभकामना है. वहीं, दूसरी ओर पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि किसी के आने से पार्टी मजबूत होती है, उसी तरह किसी के जाने से भी पार्टी कमजोर होती है.