पटना : छोटे जहाजों से होगी बालू व सब्जी की ढुलाई, सड़कों और पुलों पर दवाब कम

पटना : राज्य की गंगा नदी में छोटे जहाजों से बालू व सब्जी ढुलायी की व्यवस्था जल्द शुरू होगी. इससे सड़कों और पुलों पर दबाव कम होगा. साथ ही पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने सहित यातायात व्यवस्था व सड़कों के रखरखाव में सुधार होगा. इसे लेकर पिछले दिनों भारतीय अंतरर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण व राज्य सरकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 15, 2020 8:59 AM
पटना : राज्य की गंगा नदी में छोटे जहाजों से बालू व सब्जी ढुलायी की व्यवस्था जल्द शुरू होगी. इससे सड़कों और पुलों पर दबाव कम होगा. साथ ही पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने सहित यातायात व्यवस्था व सड़कों के रखरखाव में सुधार होगा. इसे लेकर पिछले दिनों भारतीय अंतरर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण व राज्य सरकार के बीच सहमति बनी है. इसके तहत राज्य में दो छोटे जहाज अप्रैल में आने की संभावना है. इसके तहत एक जहाज में 15 ट्रक व150 यात्री एक बार में ढोये जा सकेंगे. वहीं दूसरे में आठ ट्रकऔर 120 यात्री ढोये जा सकेंगे. इनके लिए पटना, आरा, भागलपुर और बेगूसराय जिलों में टर्मिनल बनाने का प्रस्ताव है.
सूत्रों का कहना है कि छोटे जहाजों से ढुलाई का खर्च ट्रकों की अपेक्षा कम पड़ता है. ट्रक से प्रतिकिमी प्रति टन पांच रुपये ढुलाई खर्च आता है. वहीं जहाजों से ढुलाई में प्रतिकिमी प्रति टन 99 पैसे से एक रुपये 10 पैसे तक का खर्च आता है. वहीं, राज्य में पटना, भोजपुर व सारण जिले में बड़ी मात्रा में प्रतिदिन नदियों से बालू निकलता है. इन्हें उत्तर व दक्षिण बिहार लाने-ले जाने के लिए सड़कों और पुलों का इस्तेमाल करना पड़ता है. ऐसे में यदि गंगा नदी में छोटे जहाजों का परिचालन शुरू हो जाता है, तो सड़कों व पुलों पर बालू लदे वाहनों का दबाव कम हो जायेगा.
किसानों को होगा फायदा : छोटे जहाजों के चलने का फायदा किसानों को भी होगा. हाजीपुर से पुल के रास्ते गंगा पार कर पटना पहुंचने वाली सब्जियों के ढुलायी की नयी व्यवस्था विकसित हो जायेगी. हाजीपुर में ही गंगा किनारे जहाजों पर सब्जियां लादकर पटना पहुंचायी जा सकेंगी. साथ ही पटना के अलावा अन्य जगहों पर भी ले जाया जा सकेगा.
बड़े ट्रकों से बालू ढुलाई पर रोक का निर्देश
सड़कों व पुलों की सुरक्षा के लिए पिछले दिनों 14 चक्का से बड़े ट्रकों से बालू ढुलाई पर रोक सहित ओवरलोडिंग पर कार्रवाई का राज्य सरकार ने निर्देश जारी किया था. इसके पीछे की वजहों में बताया गया था कि बड़ी ट्रकों के कारण कर्मनाशा, चानन नदी सहित मधेपुरा जिले में बने पुल क्षतिग्रस्त हो गये. वहीं, वीर कुंवर सिंह सेतु पर भी खतरे की आशंका जतायी गयी थी.

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