पटना : बिहार में विकास को नया आयाम देने के लिए राज्य सरकार एक्शन मोड में है. राज्य सरकार सिंगल विंडो सिस्टम से संवेदकों का रजिस्ट्रेशन कराने जा रही है. इसकी जानकारी बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने मुख्य सचिवालय सभागार में बजट पूर्व आयोजित बैठक में दी. डिप्टी सीएम ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में निर्माण कार्यों पर 31 हजार 600 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं. पथ निर्माण विभाग के तहत एसबीडी (स्टैंर्डड बिडिंग डॉक्यूमेंट) बनाने के लिए समिति बनायी गयी है. टेंडर में पारदर्शिता लाने के लिए ई-टेंडरिंग का नया मॉड्यूल बनाने की बात कही गयी.
किस क्षेत्र में कितने रुपये हो रहे खर्च?
डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में सड़क निर्माण के लिए 7.023 करोड़, भवन में 4,423 करोड़ और जल संसाधन में 2,662.68 करोड़ खर्च होंगे. जबकि, ऊर्जा के क्षेत्र में 4,583.13 करोड़ खर्च किये जा रहे हैं. डिप्टी सीएम ने बताया कि देश के दूसरे राज्यों की तुलना में बिहार में विकास की गति काफी तेज है. इस साल नौ महीने में ही बिहार ने 22,146 करोड़ के कच्चे माल को इंपोर्ट किया है. जिसमें 10,600 करोड़ के आयरन और स्टील, 6,572 करोड़ के इलेक्ट्रिक सामान, 675 करोड़ के टाइल्स और मार्बल मंगाये गये हैं. बड़ी बात ये है कि देश के दूसरे राज्यों की तुलना में बिहार में सीमेंट की खपत सबसे ज्यादा है.
‘रजिस्ट्रेशन के लिए सिंगल विंडो सिस्टम’
डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने बताया कि अब राज्य के संवेदकों को रजिस्ट्रेशन के लिए अलग-अलग विभागों के चक्कर नहीं लगाने होंगे. आने वाले दिनों में संवेदक एक ही जगह पर रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे. प्राक्कलन तैयार करने के दौरान ही संवेदकों को एक चेकलिस्ट से सभी जरूरी जानकारियां दी जायेगी. सभी विभाग संवेदकों से जुड़े सारे कागजातों को सात दिनों के अंदर पोर्टल पर ऑनलाइन कर देगा. इससे निविदा प्रक्रिया में पूरी तरह पारदर्शिता आयेगी. इस सुविधा के शुरू होने के बाद सभी संवेदक ऑनलाइन बिल का पेमेंट कर सकेंगे.
GST-खनन के लिए र्वकशॉप जल्द
बैठक के दौरान कई संवेदकों ने जीएसटी और खनन से जुड़े मुद्दों को उठाया. साथ ही सरकार से दिक्कतों को दूर करने की मांग की. उन्हें बताया गया कि जीएसटी और खनन से जुड़े मुद्दों को लेकर जल्द ही वर्कशॉप का आयोजन किया जायेगा. जबकि, संवेदकों ने शिड्यूल ऑफ रेट, कार्य अवधि विस्तार, रिटेंशन मनी के रिटर्न को लेकर कई सुझाव भी दिये. बैठक में भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, पीएचईडी मंत्री विनोद नारायण झा, जल संसाधन मंत्री संजय झा, संवेदक और अन्य उपस्थित थे.