अप्रैल से लागू होगा इ टेंडरिंग का नया मॉड्यूल

पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि टेंडर में पारदर्शिता के लिए अप्रैल से इ-टेंडरिंग का एक नया मॉड्यूल लागू किया जायेगा. पथ निर्माण विभाग के अंतर्गत स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट (एसबीडी) तैयार करने के लिए समिति गठित कर दी गयी है. राज्य में चालू वित्तीय वर्ष में 31 हजार 600 करोड़ रुपये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 16, 2020 4:22 AM

पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि टेंडर में पारदर्शिता के लिए अप्रैल से इ-टेंडरिंग का एक नया मॉड्यूल लागू किया जायेगा. पथ निर्माण विभाग के अंतर्गत स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट (एसबीडी) तैयार करने के लिए समिति गठित कर दी गयी है. राज्य में चालू वित्तीय वर्ष में 31 हजार 600 करोड़ रुपये का निर्माण कार्य कराया जा रहा है.

मोदी शनिवार को मुख्य सचिवालय सभागार में ठेकेदार व निर्माण क्षेत्र के लोगों के साथ हुई बजट पूर्व बैठक के बाद यह जानकारी दे रहे थे. इस बैठक में भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, पीएचइडी मंत्री विनोद नारायण झा व जल संसाधन मंत्री संजय झा भी शामिल हुए . मोदी ने कहा कि विकास योजनाओं व निर्माण कार्यों में ठेकेदारों की बड़ी भूमिका है.
इस साल सड़क प्रक्षेत्र में 7,023 करोड़ रुपये, भवन में 4,423 करोड़, जल संसाधन में 2,662.68 करोड़ व ऊर्जा क्षेत्र में 4,583.13 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं.
सात दिनों तक पोर्टल पर देख सकेंगे ठेकेदारों के पेपर
मोदी ने कहा कि पथ निर्माण विभाग जिस तरह से तकनीकी निविदा के बाद सात दिनों तक ठेकेदारों से जुड़े सारे कागजात पोर्टल पर प्रदर्शित करता है, उसी तर्ज पर अन्य विभाग भी करेंगे. इससे किसी भी गलती पकड़ में आ सकेगी.
टेंडर रद्द होने की जानकारी मिल जायेगी. बैठक में अनेक संवेदकों ने जीएसटी व खनन से जुड़ मुद्दे उठाये. इनको लेकर शीघ्र ही संबंधित लोगों के साथ वर्कशॉप आयोजित करने का निर्णय लिया गया.
अपने बुजुर्गों के गुनाह भूलकर जनता को धोखा दे रहे : इधर, डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का नाम लिये बिना उन पर निशाना साधा है. अपने बयान में कहा कि लालू प्रसाद के राजनीतिक और जैविक उत्तराधिकारियों को एक सिपाही के खिलाफ अनुशाननात्मक कार्रवाई पर बोलने से पहले तथ्यों की जानकारी लेनी चाहिए थी.
यह भी जानना चाहिए था कि उनके माता-पिता के राज में सिपाही क्या, आइएएस-आइपीएस स्तर के अधिकारियों को किस तरह अपमानित किया जाता था. राजद बताये कि उसके शासनकाल में
कई योग्य और ईमानदार अफसरों ने बिहार से बाहर तबादले क्यों करा लिये थे?

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