पटना : गंदगी के बीच सफर करने को मजबूर दैनिक यात्री

पटना : दानापुर रेल मंडल में 25 जोड़ी से अधिक पैसेंजर ट्रेनें चल रही हैं. जिनमें यात्री सुविधाएं नदारद है. पैसेंजर ट्रेनें समय से नहीं चलती हैं. ट्रेनों की नियमित साफ-सफाई भी नहीं होती है. इसका असर डिब्बों में देखा जा सकता है. डिब्बों में मूंगफली व केले के छिलके के बीच दैनिक यात्री सफर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2020 8:59 AM
पटना : दानापुर रेल मंडल में 25 जोड़ी से अधिक पैसेंजर ट्रेनें चल रही हैं. जिनमें यात्री सुविधाएं नदारद है. पैसेंजर ट्रेनें समय से नहीं चलती हैं. ट्रेनों की नियमित साफ-सफाई भी नहीं होती है. इसका असर डिब्बों में देखा जा सकता है. डिब्बों में मूंगफली व केले के छिलके के बीच दैनिक यात्री सफर करने को मजबूर हैं. शनिवार को प्रभात खबर संवाददाता ने दो पैसेंजर ट्रेनों में सफर किया प्रस्तुत है एक रिपोर्ट…
15 मिनट की देरी से खुली पटना-गया पैसेंजर : पटना से 11:50 बजे खुलने वाली ट्रेन संख्या 63249 पटना-गया पैसेंजर समय से प्लेटफॉर्म संख्या-आठ पर पहुंच गयी थी. लेकिन, बेवजह 15 मिनट तक खड़ी रही और फिर 12:05 बजे रवाना हुई. पैसेंजर ट्रेन के हर डिब्बे में मूंगफली का छिलका बिखरा पड़ा दिखा. वहीं, सीट के नीचे भी गंदगी थी. इसी गंदगी के बीच यात्री सफर कर रहे थे. ट्रेन परसा बाजार, राम गोविंद सिंह हॉल्ट, पुनपुन घाट और पुनपुन स्टेशन पर रुकी. इन स्टेशनों पर चढ़ने व उतरने वाले यात्रियों के बीच मारामारी की स्थिति बन जा रही थी. पटना से गया जा रहे उमेश कुमार कहते है कि चार घंटे में गया पहुंचेंगे. इस दौरान शौचालय नहीं जा सकते है. इसकी वजह है कि शौचालय सील किया गया है.
महिला डिब्बे में पुरुष यात्री
रेलवे की ओर से महिला यात्रियों के लिए डिब्बा सुरक्षित किया गया है. लेकिन, सुरक्षित डिब्बे में महिलाओं से ज्यादा पुरुष यात्री सवार दिखे. लेकिन, पटना जंक्शन से लेकर पुनपुन तक कहीं आरपीएफ जवान नहीं दिखे. महिला डिब्बे में सवार राम नरेश मंडल पूछने पर कहते हैं कि महिला डिब्बे में सीट मिल गयी, तो चढ़ गये. महिला डिब्बे में सवार होने से कोई दिक्कत नहीं है. यह स्थिति सिर्फ पटना-गया रूट के ट्रेनों की नहीं है. बल्कि, पटना-बक्सर, पटना-मोकामा, पटना-बरौनी, पटना-जयनगर आदि रूट के ट्रेनों की भी है.
पटना. कुहासा खत्म हो गया है. लेकिन, कुहासे में रद्द की गयीं ट्रेनों को रि-स्टोर नहीं किया गया है. इससे बड़ी संख्या में रेल यात्रियों को परेशानी हो रही है. खासकर, सीतामढ़ी से दिल्ली जाने-आने वाले यात्रियों को मुजफ्फरपुर, रक्सौल व पटना से ट्रेन पकड़ना व छोड़ना पड़ रहा है. इसकी वजह है कि सीतामढ़ी से खुलने वाली लिच्छवी एक्सप्रेस पूर्णत: रद्द की गयी है. वहीं, पटना से दिल्ली जाने वाली संपूर्णक्रांति एक्सप्रेस भी सप्ताह में एक दिन रद्द रहती है, जिससे ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ बढ़ी रहती है. इसके बावजूद कुहासे के दिनों में रद्द की गयी ट्रेनों को रि-स्टोर नहीं किया जा रहा है.
28 फरवरी तक रद्द की गयी हैं ट्रेनें
पूर्व मध्य रेल क्षेत्र में आने व गुजरने वाली 16 जोड़ी एक्सप्रेस ट्रेनों को पूर्णत: रद्द किया गया है. वहीं, दो दर्जन से अधिक ट्रेनें सप्ताह में एक से तीन दिनों तक रद्द की गयी हैं. रेलवे प्रशासन की ओर से जारी सूचना के अनुसार यह व्यवस्था 28 फरवरी तक लागू है. एक मार्च से शत-प्रतिशत ट्रेनों का परिचालन सामान्य हो जायेगा. फिलहाल, इन ट्रेनों के रद्द होने से यात्रियों को कन्फर्म टिकट मिलना मुश्किल हो गया है और यात्री जैसे-तैसे सफर करने को मजबूर हैं.

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