पटना : पीयू व एनआइटी परिसर पर अतिक्रमण मामले में रजिस्ट्रार न्यायालय में तलब
पटना : पटना हाइकोर्ट ने पटना विश्वविद्यालय और एनआइटी से अतिक्रमण हटा दिये जाने के बाद पुनः अतिक्रमण किये जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए विवि के रजिस्ट्रार को 25 फरवरी को कोर्ट में तलब किया गया है. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा द्वारा दायर लोकहित […]
पटना : पटना हाइकोर्ट ने पटना विश्वविद्यालय और एनआइटी से अतिक्रमण हटा दिये जाने के बाद पुनः अतिक्रमण किये जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए विवि के रजिस्ट्रार को 25 फरवरी को कोर्ट में तलब किया गया है.
मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. कोर्ट को बताया गया कि पटना विश्वविद्यालय और एनआइटी से अतिक्रमण हटाने के बाद दोबारा अतिक्रमण कर लिया गया है. लेकिन अब तक इनको हटाने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी है. एनआइटी पटना लॉ कॉलेज के पास है. गोलकपुर क्षेत्र में तीन एकड़ भूमि पर किये गये अवैध अतिक्रमण के मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है .
म्यूजियम में रखी धरोहरों की चार सप्ताह में मांगी रिपोर्ट
राजधानी समेत राज्य में स्थित अन्य म्यूजियम में रखी बहुमूल्य धरोहरों की लगातार हो रही चोरी के मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार समेत अन्य अधिकारियों से चार सप्ताह में जवाब तलब किया. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा द्वारा इस संबंध में दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. कोर्ट को बताया गया कि राज्य के म्यूजियम में अधिकारियों व कर्मचारियों के विभिन्न स्तरों पर बड़ी संख्या में पद रिक्त पड़े हुए हैं. रिक्त पड़े पदों के कारण रखरखाव सही ढंग से नहीं हो पा रहा है.
कोसी प्रमंडल के सभी सीओ से मांगी रिपोर्ट
पटना हाइकोर्ट ने कोसी प्रमंडल में वाटर बॉडीज पर हुए अतिक्रमण को हटाने को दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रमंडल के सभी अंचलाधिकारियों को 28 फरवरी तक रिपोर्ट मांगी है. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राम पुनीत चौधरी द्वारा इस संबंध में दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. सोमवार को पूर्णिया प्रमंडल के अंचल अधिकारियों ने अपने क्षेत्र में इस मामले में की गयी कार्रवाइयों का ब्योरा कोर्ट में प्रस्तुत किया.