प्रशांत किशोर का यू-टर्न, अपने बयान पर सफाई में कही ये बड़ी बात
पटना : बिहार में सत्ताधारी जेडीयू से निष्कासित प्रशांत किशोर ने अपने बयान पर यू-टर्न ले लिया है.जदयूके राष्ट्रीय अध्यक्ष सहबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिये बिना दिये ‘पिछलग्गू’ वाले अपने बयान पर बुधवार को प्रशांत किशोर ने सफाई दी. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार जेडीयू ने बिहार में बीजेपी के साथ गठबंधन […]
पटना : बिहार में सत्ताधारी जेडीयू से निष्कासित प्रशांत किशोर ने अपने बयान पर यू-टर्न ले लिया है.जदयूके राष्ट्रीय अध्यक्ष सहबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिये बिना दिये ‘पिछलग्गू’ वाले अपने बयान पर बुधवार को प्रशांत किशोर ने सफाई दी. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार जेडीयू ने बिहार में बीजेपी के साथ गठबंधन में हैं, उससे उन्हें परेशानी हो रही है.
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के साथ काम कर चुके प्रशांत किशोर बीजेपी को नाथूराम गोडसे से जोड़ने के कारण निशाने पर आ गये हैं. अब, प्रशांत ने कहा है कि किसी राजनीतिक संगठन के महात्मा गांधी के हत्यारे की सार्वजनिक प्रशंसा करने का चलन पिछले छह-आठ महीने में देखने को मिला है. बापू के विचारों का समर्थन और बीजेपी से गठबंधन एक साथ नहीं चल सकता है.
‘नीतीश कुमार से राजनीतिक संबंध नहीं’
सीएम नीतीश कुमार के बारे में प्रशांत किशोर ने कहा कि उनसे कभी राजनीतिक संबंध नहीं रहा है. बताया कि सीएम नीतीश कुमार कई मायने में उनके पितातुल्य जैसे है. प्रशांत ने कहा कि किसी के साथ सरकार चलाना अलग बात है, लेकिन, किसी के सामने आत्मसमर्पण कर देना दूसरी बात है. बीजेपी के साथ गठबंधन का फायदा बिहार को मिलता तो अलग बात होती. दिल्ली में जेडीयू के दो सीटों पर चुनाव लड़ने पर भी प्रशांत किशोर ने कहा कि जेडीयू को गठबंधन का फायदा भी नहीं मिला. जिक्र किया कि किसी दल का सांसद लोकसभा में गोडसे की तारीफ करता है और जेडीयू खामोश रहती है. जेडीयू की बीजेपी के विरोध की हिम्मत भी नहीं हुई. इन्हीं बातों से उन्हें तकलीफ होती है.