ग्वालियर/पटना : लोकतांत्रिक जनता दल के मार्गदर्शक एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने गुरुवार को कहा कि देश में आर्थिक मंदी एवं बेरोजगारी चल रही है, लेकिन पिछले कुछ महीनों से भाजपा नीत केंद्र सरकार केवल अनुच्छेद 370, घर वापसी, गाय, समान नागरिक संहिता एवं संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) जैसे मुद्दे ही उठा रही है.
देश के सामने बेरोजगारी, आर्थिक मंदी जैसे बड़े मुद्दे : शरद
माकपा द्वारा आयोजित सीएए विरोधी रैली में हिस्सा लेने ग्वालियर आयेशरद यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘पिछले कुछ महीने से सरकार केवल अनुच्छेद 370, घर वापसी, गाय, समान नागरिक संहिता, सीएए जैसे मुद्दे ही उठा रही है.” उन्होंने कहा कि इससे हिंदुओं और मुसलमानों के बीच एक प्रकार की धार्मिक लड़ाई शुरू हो गयी है, जबकि देश के सामने बेरोजगारी, आर्थिक मंदी जैसे बड़े मुद्दे हैं.
देश की सभी संस्थाओं को किया जा रहा है खत्म : शरद
शरद यादव ने कहा कि नोटबंदी एवं जीएसटी से वैसे ही लोगों की कमर टूट गयी है, ऊपर से सीएए जैसे कानून बनाकर सरकार संविधान के विपरीत काम कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार भले ही जीडीपी के 4.5 प्रतिशत होने का दावा करे, लेकिन यह गिर कर दो पर आ गयी है. किसान और युवा परेशान हैं. देश की सभी संस्थाओं को खत्म किया जा रहा है.
शरद का आरोप, खतरे में हैं संविधान
शरद यादव ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) लागू होने से मुसलमानों के साथ दलित, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग और यहां तक कि सवर्ण समाज के हित सुरक्षित नहीं रहेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘एक प्रकार से संविधान खतरे में है. केंद्र सरकार का दिमाग केवल इसी में है कि सांप्रदायिक राजनीति करें, धर्मों को लड़ाओ और झूठ फैलाओ.”
महागठबंधन में नेतृत्व को लेकर पूछे जाने पर शरद बोले…
बिहार चुनाव के बारे मेंशरद यादव ने कहा कि इसके लिए सभी सहयोगी दलों से बात करके रणनीति तैयार होगी. यह पूछने पर कि बिहार चुनाव किसके नेतृत्व में होगा, तेजस्वी यादव या प्रशांत किशोर, शरद यादव ने कहा कि यह सब रणनीति की बातें हैं और सभी वरिष्ठ नेता बैठकर इन मुद्दों पर बात करेंगे.