पटना : सर, रजिस्टर टू से ही दाखिल-खारिज करा दीजिए
पटना : गुरुवार को अंचलाधिकारी कार्यालय में आयोजित साप्ताहिक दाखिल-खारिज शिविर में पटना सिटी के रहने वाले मोहन साह पहुंचे. उन्होंने अंचलाधिकारी प्रवीण कुमार पांडे को कहा कि रजिस्टर टू में जितनी जमीन का विवरण है, उतनी का ही दाखिल-खारिज करा दीजिए. एक साल से इस काम को लेकर परेशान हैं. हुआ यूं कि मोहन […]
पटना : गुरुवार को अंचलाधिकारी कार्यालय में आयोजित साप्ताहिक दाखिल-खारिज शिविर में पटना सिटी के रहने वाले मोहन साह पहुंचे. उन्होंने अंचलाधिकारी प्रवीण कुमार पांडे को कहा कि रजिस्टर टू में जितनी जमीन का विवरण है, उतनी का ही दाखिल-खारिज करा दीजिए. एक साल से इस काम को लेकर परेशान हैं. हुआ यूं कि मोहन साह ने कुछ दिन पहले अपनी जमीन के ऑनलाइन दाखिल-खारिज के लिए आवेदन दिया था.
उन्होंने अपने आवेदन में 6.04 डिसमिल का जिक्र किया था. जबकि रजिस्टर टू में केवल छह डिसमिल का ही जिक्र था. इसके कारण उनका आवेदन अस्वीकृत कर दिया गया था. इस पर अंचलाधिकारी ने बताया कि अगर आवेदन में दी गयी जमीन का रकबा या अन्य जानकारी थोड़ी-सी भी इधर-उधर होगी, तो वह अस्वीकृत हो जायेगा. इसके लिए फिर से आवेदन करें या फिर डीसीएलआर कोर्ट में अपील कर सकते हैं. इसके बाद वह अंचलाधिकारी से गुहार लगाने लगा कि जितनी जमीन की जानकारी रजिस्टर टू में अंकित है, उतने का ही दाखिल-खारिज करा दीजिए.
गुरुवार को आयोजित शिविर में जमीन से जुड़े कई मामले पहुंचे
पटना सिटी के रहने वाले रामदयाल की जमीन की रसीद 2018 तक की कटी हुई थी. वे 2019-20 के लगान की रसीद कटाना चाह रहे थे. लेकिन उनकी जमीन की जानकारी ऑनलाइन चढ़ी हुई नहीं थी. इस कारण कर्मचारी उनकी रसीद नहीं काट रहा था. ऑनलाइन कराने के लिए रामदयाल 14 दिनों सेे अंचलाधिकारी कार्यालय का चक्कर लगा रहे थे.
लेकिन अंचलाधिकारी से मुलाकात नहीं हो रही थी. गुरुवार को भी एक बजे तक अंचलाधिकारी प्रवीण कुमार पांडे अपने कार्यालय में नहीं पहुंचे. रामदयाल को लग रहा था कि आज भी बिना काम कराये घर लौटना पड़ेगा. इसी बीच अंचलाधिकारी पहुंचे और आवेदन पर उन्होंने साइन किया, तो रामदयाल के चेहरे पर रौनक आयी. रामदयाल जैसे कितने ही लोग शिविर के दिन सुबह से शाम तक इस आसरा में रहते हैं कि अधिकारी मिलें और उनका लंबित काम हो जाये.