अवैध बन रहे अपार्टमेंट पर सिंचाई भवन करेगा कब्जा

पटना: बिल्डर शाहिद खां द्वारा न्यू करबिगहिया स्थित सिंचाई विभाग की प्लांट संख्या 478, 587, 588 व 589 पर अतिक्रमण कर बहुमंजिली इमारत बनायी जा रही है. इस इमारत के विरुद्ध पुनपुन बाढ़ सुरक्षा अंचल के अधीक्षण अभियंता इंजीनियर प्रकाश दास ने नगर आयुक्त से शिकायत की. इस पर नगर आयुक्त ने भूखंड की जांच […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 15, 2014 8:25 AM

पटना: बिल्डर शाहिद खां द्वारा न्यू करबिगहिया स्थित सिंचाई विभाग की प्लांट संख्या 478, 587, 588 व 589 पर अतिक्रमण कर बहुमंजिली इमारत बनायी जा रही है.

इस इमारत के विरुद्ध पुनपुन बाढ़ सुरक्षा अंचल के अधीक्षण अभियंता इंजीनियर प्रकाश दास ने नगर आयुक्त से शिकायत की. इस पर नगर आयुक्त ने भूखंड की जांच की, सरकारी भूखंड पर अवैध निर्माण की जानकारी मिली. इस पर भूखंड पर निगरानी वाद संख्या 76बी/12 दर्ज किया गया. इस मामले में नगर आयुक्त कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा है कि बिल्डर 30 दिनों के भीतर भूखंड सिंचाई विभाग को लौटा दें. नगर आयुक्त अपने फैसले में कहा है कि सिंचाई विभाग अपने सक्षम पदाधिकारी से उक्त भूखंड को अपने कब्जे में लेकर बिल्डर द्वारा बनाये गये अवैध निर्माण को तोड़ दें. इसके साथ ही पेसू जीएम से कहा गया है कि सात दिनों के भीतर विद्युत कनेक्शन काट दें, वहीं स्थानीय थाने को जिम्मेवारी दी गयी है कि सरकारी भूखंड पर कोई निर्माण नहीं हो.

जांच का दिया निर्देश : नगर आयुक्त कोर्ट में चल रहे निगरानी वाद संख्या 2/11 में नगर आयुक्त ने कनीय अभियंता बीके सिंह को निर्देश दिया है कि बुद्धा कॉलोनी में बिल्डर साई कंस्ट्रक्शन द्वारा जी प्लस तीन फ्लोर का अवैध नक्शा पारित किया गया, जिस पर 15 दिनों के भीतर निर्माण कार्य की रिपोर्ट उपलब्ध कराये. मालूम हो कि प्रतिवादी ने सुनवाई के दौरान निर्माण नहीं होने का प्रतिवेदन दिया था. प्रतिवादी नया नक्शा स्वीकृत करा कर निर्माण कर सकते हैं.

नया नक्शा करना होगा पास : बिल्डर इंद्रजीत सिंह(आशियाना स्टेट प्रा लि) द्वारा एसके पुरी के भगवती शरण इंक्लेव के बगल में बी प्लस जी प्लस पांच फ्लोर की स्वीकृत नक्शे पर तीन मंजिला भवन बनाया गया है. इस भवन पर निगरानीवाद संख्या 107ए/13 दर्ज किया गया. इस पर नगर आयुक्त कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा है कि स्वीकृत नक्शे की ऊंचाई में विचलन किया गया है. इसके साथ ही पार्किग में भी अवैध निर्माण किया गया है. इस स्थिति में बिल्डर अवैध हिस्से को तोड़ कर दुबारा नक्शा स्वीकृत कराये.

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