पटना विवि में वेतन के लायक पैसे नहीं

पटना: पटना विवि को इन दिनों वेतन देने के भी लाले पड़े हुए हैं. मई के बाद से ही विवि को सरकार से वेतन अनुदान नहीं मिला है. जून व जुलाई का वेतन विवि द्वारा अपने आंतरिक स्नेत से लोन के रूप में दिया गया है. विवि का आंतरिक कोष भी अब खाली होने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 23, 2014 7:50 AM

पटना: पटना विवि को इन दिनों वेतन देने के भी लाले पड़े हुए हैं. मई के बाद से ही विवि को सरकार से वेतन अनुदान नहीं मिला है. जून व जुलाई का वेतन विवि द्वारा अपने आंतरिक स्नेत से लोन के रूप में दिया गया है. विवि का आंतरिक कोष भी अब खाली होने के कगार पर है और कुछ लाख रुपये ही इन खातों में बचे हैं.

जबकि वेतन का भुगतान करोड़ों में होता है. ऐसे में अगर अगले एक सप्ताह में विवि को वेतन अनुदान की राशि न मिली, तो विवि के शिक्षक, कर्मचारी और अधिकारियों का अगस्त का वेतन भी लटक सकता है. इसके बाद जब तक सरकार द्वारा राशि नहीं दी जायेगी सबका का वेतन बंद ही रहेगा.

विवि को हो रहा नुकसान : सरकार से वेतन अनुदान नहीं मिलने से विवि की परेशानी बढ़ते ही जा रही है. विवि द्वारा जून व जुलाई का मिला कर अब तक करीब 21 करोड़ रुपये विवि के आंतरिक स्नेत से शिक्षकों व कर्मचारियों को दिये जा चुके हैं. इतनी राशि निकलने विवि के लगभग सभी कोष में अब काफी कम राशि बची है और अब विवि के आम दिनचर्या की राशि के लिए भी सोचना पड़ रहा है. इसके अतिरिक्त जो इंटरेस्ट विवि को इसके बाद अब विवि को कोई काम पड़ जाये, तो पैसे कहां से आयेंगे.

कॉलेज भी नहीं दे रहे पैसे

विवि को एडमिशन का पैसा भी कॉलेजों से प्राप्त नहीं हो पा रहा है. वोकेशनल कोर्स नामांकन का शेयर भी विवि को प्राप्त नहीं हो रहा है. इस प्रकार से विवि इन दिनों फाइनेंसियल क्राइसिस से जूझ रहा है. डेवलपमेंट फंड का पैसा दूसरी ओर ट्रांसफर करने का प्रावधान नहीं है. क्योंकि वह यूजीसी का पैसा है और सिर्फ विकास कार्यो में ही खर्च करना है. इस संबंध में विवि के फाइनेंस ऑफिसर अनिल कुमार वर्मा ने कहा कि विवि में फंड की काफी कमी है. अगले माह के वेतन पर भी संकट मडरा रहा है. हालांकि उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि जल्द सरकार द्वारा फंड मिल जायेगा और विवि से लोन के रूप में जो राशि वेतन और पेंशन के रूप में दिये गये हैं, वह पुन: उन सारे एकाउंट्स में वापस हो जायेंगे. फिर सारी प्रक्रिया ठीक होगी.

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