नगर निगम की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे हैं मोहल्ले के लोग
पटना: सरकारी पैसे का कैसे दुरुपयोग होता है, इसका जीता-जागता उदाहरण कंकड़बाग के लोहिया नगर स्थित एमआइजी हाउसिंग कॉलोनी है. आवासीय कॉलोनी बसायी गयी, तो बिहार राज्य आवास बोर्ड ने ड्रेनेज व सीवरेज की बेहतर व्यवस्था की, लेकिन इस ड्रेनेज सिस्टम को हाल में ध्वस्त कर दिया गया है और नये नाले का निर्माण किया […]
पटना: सरकारी पैसे का कैसे दुरुपयोग होता है, इसका जीता-जागता उदाहरण कंकड़बाग के लोहिया नगर स्थित एमआइजी हाउसिंग कॉलोनी है.
आवासीय कॉलोनी बसायी गयी, तो बिहार राज्य आवास बोर्ड ने ड्रेनेज व सीवरेज की बेहतर व्यवस्था की, लेकिन इस ड्रेनेज सिस्टम को हाल में ध्वस्त कर दिया गया है और नये नाले का निर्माण किया गया. यह नवनिर्मित नाला किसी काम का नहीं है.
इसका मुख्य कारण है कि यह नाला सड़क से दो फुट ऊंचा बनाया गया है और इसे दूसरे नाले से कहीं जोड़ा भी नहीं गया है. इससे नाले से पानी की निकासी नहीं हो रही है. यही वजह थी कि पिछले दिनों हुई झमाझम बारिश में भयानक जलजमाव की समस्या बन गयी और घरों में घुसे बारिश के पानी को डीजल पंप के माध्यम से निकाला गया.
सबसे बड़ा सवाल
सबसे बड़ा सवाल है कि पुराने नाले को किसके आदेश पर ध्वस्त किया गया. इतना ही नहीं, चयनित एजेंसी ने जब नये नाले का निर्माण कर दिया, तो उसे नगर निगम के किसी अधिकारी ने निरीक्षण करना उचित नहीं समझा. निगम की लापरवाही का खामियाजा एमआइजी कॉलोनी में रहनेवाले लोग भुगतने के लिए मजबूर हैं.
पार्क का रास्ता भी क्षतिग्रस्त
एमआइजी कॉलोनी में 700 फुट का नाया नाला निर्माण का टेंडर निकाला गया है, जिसमें करीब 600 फुट नाला तैयार हो गया है. नाले का निर्माण सड़क के समतल होना चाहिए, लेकिन वह उससे डेढ़-दो फुट ऊंचा कर दिया गया है. इससे कॉलोनी में एक पार्क का प्रवेश द्वार ही अवरुद्ध हो गया है. स्थानीय लोगों ने निर्माण के समय विरोध किया था, लेकिन ठेकेदार स्थानीय लोगों की बात सुनने को तैयार नहीं हुआ.
जलापूर्ति पाइप के ऊपर नाला
कॉलोनी में पटना वाटर प्रोजेक्ट के तहत गैमन इंडिया द्वारा जलापूर्ति पाइप बिछाया गया. इस जलापूर्ति पाइप के ऊपर ही नाला का निर्माण कर दिया गया. इससे स्थानीय लोगों में भय व्याप्त है कि आनेवाले वर्षो में यह नाला डायरिया व पीलिया का कारण बनेगा.