स्वीपर लगा रहे सूई, मरीज की मौत
हड़ताल से चरमरायी व्यवस्था, मरीजों का होने लगा पलायन पटना : पीएमसीएच में संविदा पर काम करनेवाली नर्सो के हड़ताल पर चले जाने से अस्पताल की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है. मरीज बिना इलाज कराये लौट रहे हैं. नर्से नियमित करने की अपनी मांग पर अड़ी हैं. शनिवार को नर्सो ने पीएमसीएच प्रशासन, […]
हड़ताल से चरमरायी व्यवस्था, मरीजों का होने लगा पलायन
पटना : पीएमसीएच में संविदा पर काम करनेवाली नर्सो के हड़ताल पर चले जाने से अस्पताल की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है. मरीज बिना इलाज कराये लौट रहे हैं. नर्से नियमित करने की अपनी मांग पर अड़ी हैं. शनिवार को नर्सो ने पीएमसीएच प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग व प्रदेश सरकार के खिलाफ जम कर नारेबाजी की. नर्से बिहार एक ग्रेड नर्सेज एसोसिएशन व बिहार अनुबंध परिचारिका संघ के आह्वान पर शुक्रवार से हड़ताल पर हैं. उनका कहना है कि जब तक सरकार सभी नर्सो को परमानेंट नहीं करेगी, तब तक हड़ताल जारी रहेगी.
परिजनों का हंगामा : मोतिहारी के मो मंसूर आलम (36 वर्ष) का इलाज पांच दिनों से पीएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में चल रहा था. तीन दिनों तक तो वह भले-चंगे थे, लेकिन शुक्रवार से उनकी हालत बिगड़ने लगी और शनिवार की सुबह 11 बजे मौत हो गयी. उनकी पत्नी रुखसाना ने आरोप लगाया कि उनके पति की मौत नर्सो की हड़ताल की वजह से हुई है. वहीं, मौत की सूचना जैसे ही उनके रिश्तेदारों को लगी, उन्होंने हंगामा किया. मृतक के भाई मो सलाउद्दीन ने कहा कि मेरे भाई की मौत का जिम्मेवार पीएमसीएच प्रशासन है.
मृतक के एक अन्य भाई मो नसाबुद्दीन ने कहा कि जब से हड़ताल हुई है, तब से मेरे भाई को स्वीपर सूई लगा रहे थे. इसका विरोध किया, तो अधिकारियों का कहना था कि नर्सो की हड़ताल की वजह से यह समस्या हो रही है. एसटीएफ का सिपाही प्रमोद कुमार के शरीर से लगातार ब्लड आ रहा था. आनन-फानन में एसटीएफ के सिपाहियों ने उसे पीएमसीएच में इलाज कराने के लिए आये. लेकिन, नर्सो की हड़ताल की वजह से उसे बिना इलाज का ही लौटना पड़ा.