पटना : दवा घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह आमने-सामने हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दो करोड़ रुपये का मामला तो इधर-उधर का भी हो सकता है. घोटाला थोड़े ही होता है दो करोड़ रुपये का. उधर, मुख्यमंत्री ने इसे स्वास्थ्य मंत्री की व्यक्तिगत राय बताते हुए कहा कि चार पैसे का शेष पेज घोटाला हो या फिर चार करोड़ का, घोटाला तो घोटाला होता है.
सोमवार को जनता दरबार के बाद पत्रकारों से बातचीत में श्री मांझी ने कहा कि सरकारी पैसों का दुरुपयोग गलत है. दवा घोटाला किसने किया और किसके समय हुआ, इस पर प्रतिवेदन आ गया है. उस पर जांच के बाद कार्रवाई की जायेगी. सीबीआइ जांच की भाजपा की मांग से इनकार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के लोग तो पति-पत्नी की लड़ाई की भी सीबीआइ जांच की मांग करने लगते हैं.
बिहार की जांच एजेंसियां पूरी तरह सक्षम हैं. जांच रिपोर्ट से अगर हम असंतुष्ट हुए, तो सीबीआइ से जांच के बारे में सोचेंगे. भाजपा सांसद डॉ सीपी ठाकुर द्वारा नीतीश कुमार को क्लीनचिट देने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका व्यक्तित्व बिहार के लिए गौरव की बात है. जो कुछ उन्होंने कहा है, वह सही है. दवा घोटाले मामले में नीतीश कुमार द्वारा मुख्य सचिव से मांगी गयी जानकारी पर श्री मांझी ने कहा कि इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. विभाग इसे देख रहा होगा.
इससे पहले सोमवार की सुबह स्वास्थ्य मंत्री ने पत्रकारों से कहा था कि दो करोड़ का घोटाला थोड़े ही होता है. यह इधर-उधर का मामला भी हो सकता है. भाजपा के इस मामले की सीबीआइ से जांच कराने की मांग से इनकार करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भाजपा नेता हर मामले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग करने लगते हैं. भाजपा नेताओं द्वारा नीतीश कुमार पर आरोप लगाये जाने पर श्री सिंह ने कहा कि वह स्वयं भ्रष्ट हैं और ईमानदार लोगों पर उंगली उठाते हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व स्वास्थ्य मंत्री नंदकिशोर यादव और अश्विनी चौबे ने दवा खरीद मामले में गड़बड़ी की जानकारी होने के बावजूद इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की.