राजधानी पटना में ट्रैफिक सिग्नल पर टाइमर लगाने से बेकार हो गये 2.98 करोड़ के 149 डिटेक्शन कैमरे, जानें पूरा मामला…

2015 में शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को नया रूप-रंग देने के लिए 57 ट्रैफिक जंक्शन पर अत्याधुनिक ट्रैफिक सिग्नल लगाये गये. इसमें वाहन लोड का अपने आप अनुमान लगाने के लिए अत्याधुनिक डिटेक्शन कैमरे लगाये गये, जिसके मापन के हिसाब से ट्रैफिक सिग्नल अपने आप रेड और ग्रीन होते थे. 2018 में 22 जंक्शन पर ऐसे और कैमरे लगाये गये और सब मिलाकर इनकी संख्या 189 तक पहुंच गयी. बाद में कुछ जंक्शन से ट्रैफिक सिग्नल को हटाने के कारण वर्तमान में इनकी संख्या 149 है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 14, 2021 8:41 AM

अनुपम कुमार, पटना: 2015 में शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को नया रूप-रंग देने के लिए 57 ट्रैफिक जंक्शन पर अत्याधुनिक ट्रैफिक सिग्नल लगाये गये. इसमें वाहन लोड का अपने आप अनुमान लगाने के लिए अत्याधुनिक डिटेक्शन कैमरे लगाये गये, जिसके मापन के हिसाब से ट्रैफिक सिग्नल अपने आप रेड और ग्रीन होते थे. 2018 में 22 जंक्शन पर ऐसे और कैमरे लगाये गये और सब मिलाकर इनकी संख्या 189 तक पहुंच गयी. बाद में कुछ जंक्शन से ट्रैफिक सिग्नल को हटाने के कारण वर्तमान में इनकी संख्या 149 है.

अलग अलग ट्रैफिक जंक्शन पर लगे ये कैमरे अभी काम करने लायक हैं. इसके बावजूद बीते चार-पांच महीने से इनका इस्तेमाल नहीं हो रहा है. वजह विभिन्न ट्रैफिक सिग्नल पर टाइमर का लगना है. इसके कारण लगभग 2.98 करोड़ के डिटेक्शन कैमरे बंद पड़े हैं, जबकि 79 ट्रैफिक जंक्शन पर टाइमर लगाने में 2.13 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.

डिटेक्शन कैमरा होने से अपने आप सिग्नल रेड ग्रीन होता था, लेकिन इसमें ट्रैफिक सिग्नल खुलने के समय की जानकारी नहीं होने से ट्रैफिक जंक्शन पर खड़े वाहन चालकों को परेशानी होती थी. उन्हें समझ नहीं आता था कि वे अपने इंजन को बंद करें या चालू रखें ? कभी 15-20 सेकेंड में ही सिग्नल के खुल जाने पर इंजन बंद करने पड़ उन्हें अफसोस होता था, तो कभी एक से डेढ़ मिनट तक सिग्नल ग्रीन होने के लिए इंतजार करना पड़ता था और इंजन चालू रहने के कारण बेवजह पेट्रोल या डीजल जलाना पड़ता था.

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रोजाना हो रही परेशानी से लोगों की तरफ से प्रमुख चौराहों पर टाइमर लगाने की लंबे समय से मांग की जा रही थी. इसे देखते हुए ही बुडको और ट्रैफिक पुलिस में इस पर सहमति बनी. लेकिन इस क्रम में एक ओर 2.98 करोड़ के डिटेक्शन कैमरे बेकार पड़े हैं. वहीं, दूसरी ओर 2.13 करोड़ रुपये अतिरिक्त व्यय भी करना पड़ा.

डिटेक्शन कैमरे लगाने पर खर्च

लगाने वाले कैमरों की कुल संख्या 189

हटाये गये कैमरे 40

वर्तमान में लगे कैमरे 149

एक कैमरे की कीमत 2 लाख

कुल कीमत 2.98 करोड़

टाइमर लगाने पर खर्च

जंक्शन जहां टाइमर लगे हैं 79

एक टाइमर की कीमत 2.7 लाख

कुल कीमत 2.13 करोड़

Posted By: Thakur Shaktilochan

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