‘तीसरी आंख’ में फंसे अपराधी
तीसरी आंख मतलब सीसीटीवी कैमरा. इनसे अपराधियों का बचना मुश्किल हो गया है. पटना पुलिस को चौक-चौराहों पर लगे इन कैमरों से काफी मदद मिल रही है. ये कैमरे पुलिस के लिए स्पाइ का काम कर रहे हैं. यही वजह है कि कई ऐसे ब्लाइंड केस भी हल हुए हैं, जिनमें पुलिस को सफलता की […]
तीसरी आंख मतलब सीसीटीवी कैमरा. इनसे अपराधियों का बचना मुश्किल हो गया है. पटना पुलिस को चौक-चौराहों पर लगे इन कैमरों से काफी मदद मिल रही है. ये कैमरे पुलिस के लिए स्पाइ का काम कर रहे हैं. यही वजह है कि कई ऐसे ब्लाइंड केस भी हल हुए हैं, जिनमें पुलिस को सफलता की कोई उम्मीद तक नहीं थी. कैमरों के वीडियो फुटेज के आधार पर पुलिस अपराधियों के गिरेबां तक पहुंच गयी. पेश है एक रिपोर्ट.
बाइक के रंग से मिला क्लू
शहर में कई महिलाओं के गले से चेन छीन कर पुलिस के लिए परेशानी का सबब बने दो चेन स्नैचर रवि रंजन कुमार सिंह उर्फ बुझावन (राजपुताना, यारपुर, गर्दनीबाग) व अमरनाथ राय (इलाहीबाग, गोपालपुर) को राजीव नगर की पुलिस ने तीन माह की अथक मशक्कत के बाद पकड़ने में सफलता प्राप्त की थी. इन दोनों की निशानदेही पर स्वर्ण दुकानदार सोमनाथ कुमार (सतारा, महाराष्ट्र) को बाकरगंज चूड़ी गली स्थित पारस नाथ गुप्ता के मकान से गिरफ्तार किया गया था. इन दोनों ने पीले रंग की पल्सर बाइक से 18 मई को राजीव नगर रोड संख्या छह में जेडी वीमेंस कॉलेज के प्रोफेसर एसएस दिवाकर की पत्नी अरुणा सिंह (52) के गले से सोने की चेन छीन ली थी.
घटना को दोनों ने उनके आवास के समीप ही अंजाम दिया था. उस समय वे दूध लेकर अपने आवास की ओर लौट रही थी. घटना के बाद राजीव नगर इलाके में विभिन्न गलियों व मुख्य सड़कों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के वीडियो फुटेज को खंगालना शुरू कर दिया. अरुणा सिंह ने केवल बाइक के रंग के बारे में पुलिस को जानकारी दी थी. पुलिस ने उसी रंग के एक बाइक सीसीटीवी कैमरे के वीडियो फुटेज के माध्यम से चिह्न्ति किया. फिर दोनों चेन स्नैचरों को सलाखों के पीछे पहुंचाया.
बोलेरो ने पहुंचाया कैद में
फतुहा थाने के नवनिर्मित पटना-बख्तियारपुर फोर लेन मार्ग (भिखुआ मोड़) पर 13 मई को कदमकुआं के यूनियन बैंक के एक करोड़ रुपये को दिनदहाड़े लूट लिया गया था. इस मामले का भी परदाफाश सीसीटीवी कैमरे के वीडियो फुटेज की मदद से किया गया था. पुलिस टीम ने वैशाली जिले में केशव पेट्रोल पंप पर हुई लूटपाट की घटना के बाद वीडियो फुटेज के आधार पर अपराधियों की पहचान की थी. सीसीटीवी कैमरे में लूट के दौरान एक बोलेरो गाड़ी भी नजर आयी थी. इस बोलेरो गाड़ी के माध्यम से ही सभी अपराधियों तक पुलिस पहुंचने में सफल रही. हां, पुलिस को अपराधियों तक पहुंचने में दो माह लग गये थे.
लाल शर्ट ने किया कमाल
कंकड़बाग में केंद्रीय विद्यालय के समीप बैंक ऑफ बड़ौदा के गेट पर दो अप्रैल को अपराधियों ने दिनदहाड़े सृजन हॉस्पिटल (विद्यापुरी) के प्रबंधकीय कर्मचारी पुरुषोत्तम मिश्र की हत्या कर 12 लाख रुपये लूट लिये थे. इसका भी खुलासा सीसीटीवी कैमरे की मदद से किया गया. पुलिस ने घटना में शामिल दो अपराधियों मुन्ना मल्लाह उर्फ मिरचाई गोप (गायघाट) व दीपक कुमार (पीरबहोर) को पकड़ने में सफलता प्राप्त की. उन लोगों के पास से लूटे गये 30 हजार नकद, एक देसी पिस्टल व पांच कारतूस बरामद किये गये थे. इस मामले में राजेंद्र नगर गोलंबर पर लगे सीसीटीवी के वीडियो फुटेज को खंगाला, तो टेंपो में तीन युवकों के एक बैग को लेकर चढ़ते देखा गया. पुलिस को वे तीनों संदिग्ध लगे. उनके हाथों में रखे बैग की अस्पताल प्रशासन से जब पहचान हो गयी, तो यह स्पष्ट हो गया कि वही तीनों लूट व हत्या में शामिल थे. फुटेज से अपराधियों के चहेरे व शर्ट-पैंट के कलर की भी जानकारी मिल गयी. वहीं हॉस्पिटल के गेट व पुरुषोत्तम मिश्र के केबिन में लगे सीसीटीवी में भी एक युवक लाल शर्ट में दिखा. इसके बाद पुलिस ने उस व्यक्ति की पहचान करायी, तो पता चला कि वह दीपक है, जो काफी दिनों पहले हॉस्पिटल में ही एंबुलेंस चलानेवाले सोनू का भाई है. इसके बाद तो पूरा मामला ही सामने आ गया.
क्या कहते हैं एसएसपी
एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि सीसीटीवी कैमरे की मदद से कई घटनाओं को सुलझाने में काफी मदद मिली. कई ऐसे मामले भी सामने आये, जिनमें शुरू में कुछ भी जानकारी नहीं मिल पायी थी. लेकिन, सीसीटीवी कैमरे की मदद से उन्हें काफी क्लू मिले और मामले को सुलझा लिया गया.