जब्त होगी महिला सिपाही की 1.38 करोड़ की संपत्ति
विशेष निगरानी कोर्ट ने सुनाया फैसला मुजफ्फरपुर/पटना : महिला सिपाही शकुंतला व उसके बेटे पंकज की 1.38 करोड़ की संपत्ति जब्त होगी. मुजफ्फरपुर की विशेष निगरानी अदालत-एक ने सोमवार को यह फैसला सुनाया. कोर्ट ने निगरानी ब्यूरो को संपत्ति जब्त करने को कहा है. शकुंतला पर मुजफ्फरपुर में पदस्थापन के दौरान एसएसपी कार्यालय में तत्कालीन […]
विशेष निगरानी कोर्ट ने सुनाया फैसला
मुजफ्फरपुर/पटना : महिला सिपाही शकुंतला व उसके बेटे पंकज की 1.38 करोड़ की संपत्ति जब्त होगी. मुजफ्फरपुर की विशेष निगरानी अदालत-एक ने सोमवार को यह फैसला सुनाया. कोर्ट ने निगरानी ब्यूरो को संपत्ति जब्त करने को कहा है.
शकुंतला पर मुजफ्फरपुर में पदस्थापन के दौरान एसएसपी कार्यालय में तत्कालीन लेखा पदाधिकारी सुशील चौधरी व एक अन्य महिला आरक्षी बेबी कुमारी के साथ मिल कर सिपाहियों के वेतन मद के सात करोड़ रुपये के गबन का आरोप था. 2010 में जब यह मामला सामने आया था, तब शकुंतला समस्तीपुर में पदास्थापित थी. उस समय तत्कालीन नगर डीएसपी मनीष कुमार ने मामला दर्ज कराया था.
वेतन घोटाले के अनुसंधान के क्रम में मुख्य अभियुक्त सुशील चौधरी के घर से निगरानी की टीम ने 88 लाख, 51 हजार नकद व अन्य सामान और शकुंतला देवी के घर से 53 लाख, 88 हजार नकद, लगभग 16 लाख के गहने, जमीन, मकान आदि के कागजात बरामद किये थे.
इसी तरह बेबी कुमारी के घर से भी भारी मात्र में नकद, जेवर और जमीन के कागजात बरामद किये गये थे. इसके अलावा सुशील चौधरी, शकुंतला देवी व बेबी कुमारी के विभिन्न बैंक खातों से भी गबन की राशि बरामद की गयी है, जिन्हें फ्रीज करा दिया गया है. इसको लेकर 2013 में निगरानी ने शकुंतला के खिलाफ ज्ञात स्नेत से ज्यादा की संपत्ति को लेकर मामला दर्ज किया था.
इसके बाद निगरानी ने बिहार विशेष न्यायालय अधिनियम, 2009 एवं बिहार विशेष न्यायालय नियमावली, 2010 के तहत शकुंतला देवी और उसके पुत्र पंकज कुमार की 1.38 की संपत्ति जब्त करने के लिए पिछले वर्ष 31 मई को मुजफ्फरपुर स्थित निगरानी की विशेष अदालत में आवेदन दिया था. सोमवार को इस मामले में फैसला होना था. एपीपी कृष्ण देव शाह ने जज कुमार प्रकाश सहाय के कोर्ट के सामने शकुंतला की संपत्ति को जब्त करने की बात कही, जिसका उसके वकील कैलाश प्रसाद सिन्हा ने विरोध किया. उनका कहना था कि शकुंतला व उसके बेटे ने विभिन्न खेतों से ये संपत्ति अजिर्त की है, जिसे जब्त नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन कोर्ट ने बचाव पक्ष के वकील की दलीलों को खारिज कर दिया और शकुंलता की संपत्ति को जब्त करने का फैसला सुनाया.
क्या है मामला
2010 में मुजफ्फरपुर के एसएसपी कार्यालय में वेतन मद में घोटाले का खुलासा हुआ था. तब एसएसपी कार्यालय में तत्कालीन लेखा पदाधिकारी सुशील कुमार चौधरी के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था, लेकिन जांच के दौरान पता चला कि सुशील चौधरी वेतन मद का पैसा महिला सिपाही शकुंतला और बेबी कुमारी के खातों में ट्रांसफर करता था. इसके बाद इन दोनों के नाम भी इस मामले में जोड़े गये थे. इसके बाद इन दोनों को भी गिरफ्तार किया गया था. अभी शकुंतला, बेबी और सुशील चौधरी तीनों जमानत पर हैं.