साल भर बीमार, दारू पीते ही डिस्चार्ज, ऐसा क्यों?

एक साल से पीएमसीएच के कैदी वार्ड में भरती था कुख्यात अनिल, तीन विभागों में करा चुका था इलाज प्रह्लाद/नीतीश पटना : कुख्यात अनिल शर्मा को आखिर ऐसी कौन-सी बीमारी है कि वह पिछले एक साल से पीएमसीएच के कैदी वार्ड में भरती था? सिर्फ भरती ही नहीं, बल्कि कैदी वार्ड के एक पूरे फ्लोर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 24, 2014 4:47 AM

एक साल से पीएमसीएच के कैदी वार्ड में भरती था कुख्यात अनिल, तीन विभागों में करा चुका था इलाज

प्रह्लाद/नीतीश
पटना : कुख्यात अनिल शर्मा को आखिर ऐसी कौन-सी बीमारी है कि वह पिछले एक साल से पीएमसीएच के कैदी वार्ड में भरती था? सिर्फ भरती ही नहीं, बल्कि कैदी वार्ड के एक पूरे फ्लोर का उपयोग वह कर रहा था. इलाज के नाम पर भरती अनिल के कमरे से रविवार को शराब और लड़की की बरामदगी के बाद ऐसे कई सवाल लोगों की जुबां पर हैं.
आखिर बीमार व्यक्ति शराब का सेवन कैसे कर सकता है? कैदी वार्ड में शराब पीने के मामले ने जब तूल पकड़ा, तो सोमवार की देर रात अनिल शर्मा को बेऊर जेल कैसे भेज दिया गया. तो क्या अचानक वह स्वस्थ्य हो गया?
मरीज या पीएमसीएच का पेइंग गेस्ट : हाजीपुर जेल में झगड़े के दौरान विरोधी गुट के कैदियों ने अनिल शर्मा की पिटाई की थी. 22 अक्टूबर, 2013 को मेडिकल बोर्ड की सिफारिश पर उसे हाजीपुर जेल से पीएमसीएच के कैदी वार्ड में इलाज के लिए भरती कराया गया था. उसके सिर, हाथ व अन्य जगहों पर चोट लगी थी.
पीएमसीएच में आने के बाद उसे सजर्री विभाग में भरती कराया गया. इसके बाद उसे हड्डी विभाग को सौंप दिया गया. फिर उसका इलाज नेत्र विभाग में हुआ. यह सब कागज पर हुआ और अनिल जिस कमरे में भरती कराया गया था, उसी में रहा. यहां उसे हर तरह की सुविधा उपलब्ध थी.
जब जिससे चाहे मिलना. मन मुताबिक खाना-पीना. कहने को यहां सुरक्षा में पुलिस तैनात रहती थी, लेकिन वह चुपचाप देखती रहती थी. कैदी वार्ड में कमरा की दिक्कत होने के कारण एक कमरे में दो-तीन बीमार कैदियों को रखा जाता है, लेकिन अनिल शर्मा के लिए पूरा एक फ्लोर दे दिया गया था. पीएमसीएच के चिकित्सकों ने एक साल बाद भी उसे स्वस्थ घोषित नहीं किया, जिसके कारण वह पीएमसीएच के कैदी वार्ड में ही इलाज करा रहा था.
एसएसपी ने भी उठाये सवाल : अनिल शर्मा को सुविधा मुहैय्या कराये जाने के मामले में पीएमसीएच प्रशासन से लेकर जेल और पुलिस अफसरों की मिलीभगत की आशंका है. कैदी वार्ड में छापेमारी के बाद एसएसपी मनु महाराज ने डीएम को पत्र लिख कर गहन जांच की जरूरत बतायी है. उनकी सिफारिश पर ही उसे कैदी वार्ड से बेऊर जेल स्थानांतरित किया गया. डीएम को भेजे गये पत्र में एसएसपी ने यह सवाल भी उठाया था कि पूरा फ्लोर अनिल शर्मा को कैसे मुहैया कराया गया? इसके साथ ही उन्होंने कैदी वार्ड में सीसीटीवी कैमरा भी लगाये जाने की भी अनुशंसा की थी.
पटना पुलिस के चार जवान लाइन हाजिर : पीएमसीएच के कैदी वार्ड में तैनात चारों जवान लाइन हाजिर कर दिये गये. उनकी जगह नये जवानों की तैनाती की गयी है. लाइन हाजिर होने वाले जवान में दरबारी, पटवारी मुमरु व गजेंद्र यादव आदि शामिल थे. इनकी ड्यूटी कैदियों से भेंट करने आने वाले लोगों का नाम रजिस्टर में अंकित करना और फिर गेट खोलना था. एसएसपी मनु महाराज ने सभी के लाइन हाजिर होने की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि सभी के खिलाफ जांच चल रही है और संलिप्तता का सत्यापन होने के बाद निलंबन भी होगा.

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