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मोदी ने कहा,मंत्रियों को क्लिन चिट कैसे मिली,सीबीआइ जांच हो

पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि राज्य सरकार ने बिना पूछताछ के ही पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को क्लीनचिट दे दी है. मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी वैसे स्वास्थ्य मंत्रियों को क्लीनचिट दे रहे हैं, जिसके कार्यकाल में कोई घोटाला हुआ नहीं. उन्होंने कहा कि प्रधान सचिव और जांच कर रहे आनंद किशोर […]

पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि राज्य सरकार ने बिना पूछताछ के ही पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को क्लीनचिट दे दी है. मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी वैसे स्वास्थ्य मंत्रियों को क्लीनचिट दे रहे हैं, जिसके कार्यकाल में कोई घोटाला हुआ नहीं. उन्होंने कहा कि प्रधान सचिव और जांच कर रहे आनंद किशोर नीतीश कुमार से पूछताछ कर भी नहीं सकते हैं. इसलिए भाजपा राज्य सरकार से घोटाले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग करती है.

अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में मोदी ने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को बचा रही है. इसलिए भ्रष्टाचार के आरोपित अधिकारियों पर अब तक कोई एफआइआर दर्ज नहीं की गयी है. घोटाले के सभी आरोपितों पर एफआइआर दर्ज कराने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकारियों की संपत्ति की जांच की जाये. उन पर आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज हो. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने तो मेरे पत्र का जवाब देना भी मुनासिब नहीं समझा, पर मुख्य सचिव ने अपने जवाब में कहा है कि संजय कुमार केंद्रीय सचिवालय सेवा के अधिकारी हैं. वे 20 जनवरी, 2006 से 28 अगस्त, 2006 तक नीतीश कुमार के आप्त सचिव थे.

27 सितंबर, 2011 को उन्हें स्वास्थ्य विभाग में संयुक्त सचिव बनाया गया. इस अवधि में नीतीश कुमार सामान्य प्रशासन विभाग के प्रभार में थे. यह पदस्थापना मंत्री की अनुमति से ही की जाती है. उन्होंने कहा कि पत्र में मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने स्वीकार किया है कि डॉ केके सिंह की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की गयी, तब भी निगरानी विभाग का प्रभार नीतीश कुमार के पास था. मोदी ने कहा है कि पत्र में मुख्य सचिव ने स्वीकार किया है कि तकनीकी मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष संजय कुमार ने जब दवा, उपकरण आदि की खरीद का निर्णय किया, उस समय भी नीतीश कुमार स्वास्थ्य मंत्री थे.

संजय कुमार कैसे बने गये तकनीकी समिति के अध्यक्ष
मोदी ने कहा, अंजनी कुमार सिंह ने कहा है कि संजय कुमार बीएमएससीआइएल की तकनीकी समिति अध्यक्ष नहीं थे. मोदी ने कहा कि यदि वे अध्यक्ष नहीं थे, तो किसके आदेश से वे अध्यक्ष बन गये. उन्होंने कहा कि संजय कुमार पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी ही नहीं, उनके खासमखास एक राज्यसभा सदस्य के अत्यंत करीबी रिश्तेदार हैं. केके सिंह कमेटी की जांच रिपोर्ट आने में आठ माह लगने पर उनसे स्पष्टीकरण पूछे जाने पर मोदी ने कहा कि ऐसा पहले क्यों नहीं किया गया?

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