महागंठबंधन में हुदहुद : राजद को नसीहत, जदयू को फटकार
बयानबाजी पर टकराव बढ़ा, जदयू अध्यक्ष सामने आये मौसम का मिजाज भांप लिया जाये तो ‘हुदहुद’ से खतरा नहीं :वशिष्ठ पटना : जदयू,राजद व कांग्रेस के महागंठबंधन में कोई आंच ना आये, इसके लिए जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह बीच-बचाव में आ गये हैं. उन्होंने तरह-तरह की बयानबाजी के लिए जहां राजद नेताओं […]
बयानबाजी पर टकराव बढ़ा, जदयू अध्यक्ष सामने आये
मौसम का मिजाज भांप लिया जाये तो ‘हुदहुद’ से खतरा नहीं :वशिष्ठ
पटना : जदयू,राजद व कांग्रेस के महागंठबंधन में कोई आंच ना आये, इसके लिए जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह बीच-बचाव में आ गये हैं. उन्होंने तरह-तरह की बयानबाजी के लिए जहां राजद नेताओं को नसीहत दी है, वहीं अपनी पार्टी के नेताओं को भी फटकार लगायी है.
पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि राजद ही नहीं, जदयू के भी कुछ नेता असंसदीय शब्दों को प्रयोग करते हैं, जो एप्रीशिएट के काबिल नहीं है. ऐसे शब्दों का प्रयोग नेताओं को नहीं करना चाहिए. महागंठबंधन के मर्यादा का पालन करना चाहिए. महागंठबंधन के दूसरे दलों के नेताओं को भी संयम बरतनी चाहिए.
महागंठबंधन परस्पर विश्वास, आत्मीयता, सहमति व आपसी सहयोग से चलता है. राजद नेता रघुवंश प्रसाद सिंह का नाम लिये बगैर वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि कुछ लोग महागंठबंधन में ‘हुदहुद’ की बात करते हैं, लेकिन अगर ‘हुदहुद’ की तैयारी अच्छे से कर ली जाये, तो इससे खतरा नहीं है, इस पर नियंत्रण किया जा सकता है. नेताओं पर लगाम लगाने के लिए कॉर्डिनेशन कमेटी के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस मामले पर चिंतन-मंथन की जरूरत है.
जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि महाराष्ट्र व हरियाणा में चुनाव के बाद आ रहे एग्जिट पोल से साफ है कि कांग्रेस ने ‘राइटिंग ऑन द वाल’ का सही आकलन नहीं किया था. महाराष्ट्र में कांग्रेस व एनसीपी एक साथ मिल कर चुनाव लड़ती, तो वहां परिणाम दूसरा रहता.
भारतीय राजनीति का आनेवाला है टर्निग प्वाइंट
वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि भारतीय राजनीति का टर्निग प्वाइंट आनेवाला है, जो लोग भाजपा के विरोध में है और गैर भाजपा दल हैं, उनके सामने संकट व चुनौती है. अलग-अलग खेमे के दल एक होने की सोच रहे हैं और मिल भी रहे हैं. हमारे साथ पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा, चौटाला, वीरेंद्र सिंह, अजीत सिंह जुड़े हैं. आनेवाले समय में इसमें और बढ़ोतरी होगी.