मोदी फोन पर लेते-देते रहे हाल
।। ब्रजेश ।।शनिवार की सुबह. सचिवालय के भी बंदी का दिन. दूसरी ओर राज्य की सत्ता पर काबिज एनडीए में टूट की मात्र घोषणा बाकी. ऐसे में भाजपा के आला नेता व राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी क्या कहते हैं, यह जानने की मीडिया की कोशिश जारी रही. * 10:15 रहे निजी आवास पर10.15 […]
।। ब्रजेश ।।
शनिवार की सुबह. सचिवालय के भी बंदी का दिन. दूसरी ओर राज्य की सत्ता पर काबिज एनडीए में टूट की मात्र घोषणा बाकी. ऐसे में भाजपा के आला नेता व राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी क्या कहते हैं, यह जानने की मीडिया की कोशिश जारी रही.
* 10:15 रहे निजी आवास पर
10.15 बजे मोदी राजेंद्रनगर स्थित अपने निजी आवास में रहे. आवास पर मीडिया का हुजूम था. अपने घर से अकेले ही निकले. फोन पर ही राजनीतिक गतिविधि का हाल लेते रहे. भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को राज्य की घटना की जानकारी देते रहे. उनके निकलने पर निजी आवास के मेन गेट में ताला लगा दिया जाता है.
* 12:30 पोलो रोड पहुंचे
दोपहर साढ़े 12 बजे निजी आवास से निकल कर सीधे एक, पोलो रोड पहुंचते हैं (अपने सरकारी आवास). यहां भी नेताओं-कार्यकर्ताओं की कोई झलक नहीं. भले ही भाजपा-जदयू गंठबंधन में भूचाल आया हुआ है व एक-एक पल नेताओं के सब्र की परीक्षा ले रहा है, पर श्री मोदी के आवास पर शांति है. श्री मोदी अकेले अपने कक्ष में जाकर बैठते हैं. सुरक्षाकर्मी अपनी डय़ूटी पर रोज की तरह जमे हुए हैं. पदाधिकारी/कर्मचारी भी अपने कार्य में लगे हैं. यहां भी श्री मोदी के मिलने कोई नेता व मंत्री नहीं आते हैं. टेलीविजन के माध्यम से मुख्यमंत्री के आवास पर की गतिविधियां समेत अन्य जानकारी श्री मोदी ले रहे हैं. दो बजे से यहां भी मीडियाकर्मी आना शुरू करते हैं. श्री मोदी का यहां भी स्पष्ट जवाब आता है कि वे मीडिया से बात नहीं करेंगे.
* 3:45 नेताओं का आना शुरू
अपराह्न् पौने चार बजे से श्री मोदी के सरकारी आवास पर नेताओं का आना शुरू होता है. चार बजे से उनके आवास पर मंत्रियों व पार्टी पदाधिकारियों की बैठक निर्धारित है. सबसे पहले विधान पार्षद सत्येंद्र कुशवाहा पहुंचते हैं. 3.55 बजे एनडीए के प्रदेश संयोजक व पथ-निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव पहुंचते हैं. इसके तुरंत बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय आते हैं. फिर पर्यटन मंत्री सुनील कुमार पिंटू, कला-संस्कृति व खेल मंत्री सुखदा पांडेय, प्रदेश प्रवक्ता राम किशोर सिंह आदि नेता वहां पहुंचते हैं.
– दुश्मनी में बदली दोस्ती
-* 17 साल से एक सुर में बोलनेवाले भाजपा-जदयू के नेता हुए विरोधी
17 साल से जदयू व भाजपा के बीच चल रही दोस्ती टूटनी तय हो गयी. इसको लेकर शनिवार को भी जदयू व भाजपा नेताओं के बीच तलवारें खिंचीं दिखीं. अब तक गंठबंधन को लेकर नरम दिख रही भाजपा के तेवर भी तल्ख हो गये हैं. शनिवार को नीतीश कुमार ने गंठबंधन पर बात करने के लिए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी व उनके मंत्रियों को बुलावा भेजा था, पर वे नहीं गये. इससे दोनों पार्टियों में और दूरियां बढ़ गयी हैं. पिछले दिनों की तरह शनिवार को भी दोनों पार्टियों के नेताओं का एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी रहा.
पटना : गंठबंधन टूटना लगभग तय हो जाने के बाद शनिवार की सुबह से ही जदयू व भाजपा दोनों खेमों में गतिविधियां तेज हो गयीं. सुबह 10 बजे से ही मुख्यमंत्री आवास पर मंत्रियों व विधायकों का आना-जाना शुरू हो गया. उधर, भाजपा के नेताओं के आवासों पर भी गहमागहमी रही. भाजपा के प्रदेश पदाधिकारी अपने 79 विधायकों पर नजर रखे हुए हैं.
पार्टी ने जदयू की तरह अपने विधायकों को पटना में तैनात रहने का निर्देश तो नहीं दिया है, लेकिन प्रदेश पदाधिकारी लगातार उनके संपर्क में हैं. फिलहाल भाजपा कोटे के 12 मंत्रियों व विधान परिषद के सभापति को पटना में ही रहने को कहा गया है. यह अलग बात है कि विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह भाजपा-जदयू के तनाव से खुद को दूर रखे हुए हैं.
भाजपा समर्थित निर्दलीय व भाजपा के विधायकों को जदयू द्वारा तोड़ने की आशंका के बाद पार्टी ने विशेष सतर्कता बरतनी शुरू की है. यदि पार्टी विधायकों से जदयू का कोई नेता या विधायक मिलता है, तो उसकी रिपोर्ट तत्काल पार्टी आलाकमान को दी जा रही है. सूत्रों के अनुसार, भाजपा ने अपने आठ-नौ विधायकों पर एक पदाधिकारी को तैनात किया है.
रामनगर, नरकटियागंज, बेतिया, रक्सौल, सुगौली, मोतिहारी, चिरैया, हरसिद्धी व केसरिया के विधायकों पर एक पदाधिकारी को नजर रखनी है, तो गोपालगंज, बरौली, भोरे, सीवान, जीरादेई, दरौली, रघुनाथपुर, गोरियाकोठी व तरैया के विधायकों पर दूसरे को. उसी तरह गरखा, सोनपुर, महनार, पातेपुर, मुजफ्फरपुर, पारू, गायघाट, औराई, रोसड़ा और मोहिउद्दी नगर के विधायकों से दूसरे पदाधिकारी लगातार संपर्क बनाये हुए हैं.
भाजपा ने रीगा, परिहार, सीतामढ़ी, बथनाहा, मधुबनी, खजौली, बेनीपट्टी, बेनीपुर, केवटी, जाले, कुशेश्वर स्थान, हायाघाट, बेगूसराय, तेघडा और बखरी के विधायकों से भी पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी को संपर्क बनाये रखने को कहा है. सहरसा, बनमंखी, अमौर, पूर्णिया, वायसी, रानीगंज, नरपतगंज, सिकटी, फारविसगंज, बरारी, कटिहार, कदवा, प्राणपुर, कोढ़ा, पीरपैंती, बिहपुर, कटोरिया, लखीसराय, राजगीर, दानापुर, बिक्रम, शाहपुर,अगियांव, सासाराम, बोधगया, वजीरगंज, गुरूआ, रजौली, हिसुआ, अरवल, ब्रम्हपुर और चैनपुर के विधायकों से भी लगातार संपर्क बनाये रखने का टॉस्क पार्टी पदाधिकारियों को दे रखा है. हाजीपुर, बेनीपट्टी, दरभंगा, लखीसराय, सूर्यगढा, कुम्हरार, बांकीपुर, पालीगंज, आरा, संदेश, नोखा, रजौली और चैनपुर के विधायक पार्टी के राष्ट्रीय और प्रदेश पदाधिकारी भी हैं, लिहाजा उन्हें भी इस काम में लगाया गया है.