कुख्यात धर्मेद्र यादव व उसके साथी की गुंडागर्दी
पटना : जक्कनपुर थाना क्षेत्र के न्यू बाइपास से सटे सिटी हॉस्पिटल में घुस कर दो अपराधियों ने न केवल अस्पताल की एक महिला कर्मचारी (दाई) के साथ दुष्कर्म किया, बल्कि उसे हथियार के बल पर अगवा भी कर लिया. वे उस महिला कर्मचारी को लेकर पटना में घूमते रहे. करीब चार घंटे के बाद पुलिस ने उसे बरामद किया. पुलिस ने दुष्कर्म के आरोपित कुख्यात अपराधी धर्मेद्र यादव (विग्रहपुर, जक्कनपुर) और उसके साथी मुकेश कुमार (चांगड़, अशोक नगर रोड नंबर आठ) को गिरफ्तार किया है. घटना शुक्रवार की देर रात की है.
पूरे मामले का सबसे शर्मनाक पहलू यह है कि घटना के वक्त अस्पताल के चार कर्मचारी और दो रोगियों के परिजन भी अस्पताल में मौजूद थे. महिला की मदद के लिए कोई आगे नहीं आया.
नशे की हालत में शुक्रवार की रात करीब 11 बजे धर्मेद्र यादव व मुकेश कुमार सिटी हॉस्पिटल पहुंचे. इसके बाद वे लोग जबरन ऑपरेशन थियेटर (ओटी) में प्रवेश कर गये. वहां महिला कर्मचारी (दाई) को उन्होंने पकड़ लिया और उसे घसीटते हुए बगल के कमरे में ले गये. अपराधियों को जानकारी थी कि ओटी में सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है. बगल के कमरे में महिला के साथ दुष्कर्म के बाद दोनों अपराधी जबरन उसे अपनी सफारी गाड़ी (बीआर 01 बीजी-0555) में बैठा कर ले गये. अस्पताल प्रशासन की ओर से घटना की जानकारी पुलिस को नहीं दी गयी.
करीब दो घंटे के बाद अस्पताल के ही एक कर्मचारी ने निजी तौर पर पुलिस को मामले की जानकारी दी. इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई. इस बीच धर्मेद्र और मुकेश उक्त महिला को लेकर शहर में घूमते रहे. जब उन्हें भनक लग गयी कि पुलिस उनके पीछे है, तो उन्होंने महिला को रामलखन पथ में छोड़ दिया और अपनी गाड़ी को विग्रहपुर में खड़ा कर घर से भाग गया.
पुलिस ने महिला को बरामद कर गाड़ी को जब्त कर लिया. करीब तीन बजे सुबह पुलिस ने धर्मेद्र व मुकेश को मीठापुर इलाके से गिरफ्तार किया. दोनों एक बाइक (बीआर 01 बी जे 2703) से भागने की फिराक में थे. शनिवार को एफएसएल की टीम ने घटनास्थल की जांच के बाद कमरे को सील कर दिया.
कर्मचारी ने दी सूचना
सूत्रों का कहना है कि जिस हॉस्पिटल में यह घटना हुई है, वह दो मंजिला मकान धर्मेद्र के चाचा का है. अस्पताल के मैनेजर से अपराधियों के संबंध भी सामने आये हैं. पुलिस के अनुसंधान में यह बात सामने आयी है कि घटना के दो घंटे तक पुलिस को किसी प्रकार से भी अस्पताल प्रशासन द्वारा सूचना नहीं दी गयी. सभी मामले को मैनेज करने में लगे थे. इसी बीच हॉस्पिटल के एक कर्मचारी ने इस बात की जानकारी पुलिस को दे दी. अगर कर्मचारी इस बात की जानकारी नहीं देता, तो हो सकता था कि मामला प्रकाश में आता भी नहीं. पीड़ित महिला कर्मचारी के मुताबिक धर्मेद्र और मुकेश की दोस्ती हॉस्पिटल के मैनेजर नसीब से पहले से है. महिला के अनुसार उन दोनों को नसीब ने ही मिलवाया था.
बचाने को कोई नहीं आगे आया
धर्मेद्र जिस समय इस घटना को अंजाम दे रहा था, उस समय हॉस्पिटल में दो मरीज और उनके कुछ परिजन थे. इसके अलावा अस्पताल के चार कर्मचारी भी थे. लेकिन, उनमें से किसी ने महिला को बचाने का प्रयास नहीं किया. धर्मेद्र ने बिल्कुल फिल्मी स्टाइल में घटना को अंजाम दिया और वहां से महिला को अपने साथ उठा कर ले गया. पुलिस ने सीसीटीवी कैमरा व डीवीआर को अपने कब्जे में ले लिया है. वीडियो फुटेज में धर्मेद्र व उसके साथी मुकेश की सारी हरकत सामने आयी है. जिस समय घटना हुई है उस समय अस्पताल की सुरक्षा के लिए गार्ड नहीं था. इस संबंध में जब पुलिस प्रशासन ने जानकारी ली तो पता चला कि एक गार्ड हमेशा रहता है, लेकिन वह दीपावली व छठ पूजा की छुट्टी में अपने गांव पर गया हुआ है.
पुलिस ने खुद थपथपायी अपनी पीठ
अस्पताल में दुष्कर्म की शर्मनाक वारदात के बाद एसएसपी जितेंद्र राणा ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि घटना के चार घंटे के भीतर न केवल अपहृत महिला को बरामद कर लिया गया, बल्कि दोनों आरोपितों को गिरफ्तार भी किया गया. इन लोगों के पास से एक सफारी गाड़ी, एक बाइक, आधा किलो गांजा, एक देसी पिस्तौल, एक कारतूस व दो मोबाइल फोन बरामद किया गया है.
एसएसपी ने बताया कि आरोपितों ने घटना में अपनी संलिप्तता को स्वीकार कर ली है. महिला की मेडिकल जांच करायी जायेगी. जल्द ही चाजर्शीट दायर कर स्पीडी ट्रायल के तहत सजा दिलायी जायेगी.उनके खिलाफ सीसीए व मनी लॉर्डिग एक्ट लगाये जाने की भी अनुशंसा जल्द ही की जायेगी.
पुलिस की चौकसी पर भी उठे सवाल
अपराधियों ने जिस तरह निजी अस्पताल में घुस कर घटना को अंजाम दिया, उससे साफ है कि उनके मन में पुलिस को लेकर कोई खौफ नहीं था. इतना ही नहीं, वे महिला का अपहरण कर उसे लेकर घूमते रहे, लेकिन रात में गश्त करने वाली पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी. पुलिस का दावा है कि घटना की जानकारी मिलते ही सिटी एसपी सत्यवीर सिंह के नेतृत्व में सदर डीएसपी रमाकांत प्रसाद, कंकड़बाग थानाध्यक्ष अतनु दता व जक्कनपुर थानाध्यक्ष अजरुन लाल की टीम ने इलाके की घेराबंदी की.