माले की बैठक में 17 प्रस्ताव पारित, नालंदा में हार की समीक्षा की
भाकपा माले की दो दिवसीय केंद्रीय कमेटी की बैठक के अंतिम दिन रविवार को 17 प्रस्ताव पारित किये गये.
माले केंद्रीय कमेटी की दो दिवसीय बैठक संपन्न
संवाददाता, पटनाभाकपा माले की दो दिवसीय केंद्रीय कमेटी की बैठक के अंतिम दिन रविवार को 17 प्रस्ताव पारित किये गये. इस बैठक में पार्टी महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, वरीय नेता स्वदेश भट्टाचार्य, सांसद राजाराम सिंह,बिहार पार्टी सचिव कुणाल , एमएलसी शशि यादव, वी. शंकर, गीता मंडल व धीरेंद्र झा सहित झारखंड, बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, असम, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, कर्नाटक आदि राज्यों से पार्टी के नेताओं ने भाग लिया.राज्य सचिव ने बताया कि बैठक में लोकसभा चुनाव के संबंध में चर्चा हुई. साथ ही , पार्टी ने नालंदा में हार की समीक्षा की. वहीं, 17 प्रस्ताव पारित किये गये हैं, जिनमें केंद्रीय कमेटी लोकसभा चुनाव परिणामों को पीएम नरेेंद्र मोदी की तानाशाही और भाजपा की पूर्ण राजनीतिक वर्चस्व कायम करने की कोशिशों के खिलाफ आये जनादेश का स्वागत किया. कमेटी ने पार्टी के उम्मीदवार राजाराम सिंह और सुदामा प्रसाद को जीत पर बधाई दी और यह उम्मीद जतायी कि आठ सांसदों के वाम जत्थे के रूप में वे जनता की आवाज को संसद में उठायेंगे. उन्होंने कहा कि भाजपा के खिलाफ सभी राजनीतिक पार्टियों को एकजुट करने का प्रयास जारी रहेगा. कुणाल ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों में उसके खिलाफ जनादेश के बावजूद ओडिशा में सत्ता विरोधी लहर,राजनीतिक खालीपन व बदलाव की लोकप्रिय आकांक्षा की लहरों पर सवार होकर भाजपा सत्ता में आ गयी. केंद्रीय कमेटी छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश व गुजरात की दिशा में ओडिशा को ले जाने की भाजपा की मंशा के तौर पर इसे चिह्नित करेगी और लोकतंत्र समर्थक ताकतों से इसके खिलाफ व्यापक एकता और संकल्प के साथ इसका प्रतिवाद करेगी. उन्होंने कहा कि इवीएम को लेकर और बहुत सारे सवाल, संदेह और अविश्वास पैदा कर दिये हैं. निर्वाचन आयोग को अभी भी यह स्पष्ट करना है कि वो पहले चरण के 11 दिनों के बाद और दूसरे चरण के चार दिनों तक कुल वोटों का आंकड़ा सार्वजनिक करने में क्यों विफल रहा है.
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